लखनऊ ब्यूरो-: इसी नौ अप्रैल को भरी दोपहरी में मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर तेनुआ टोल प्लाजा के पास बदमाशों ने सर्राफ नितिन अग्रवाल को उनकी कार में ही बांधकर जिंदा ही जलाकर मार डाला। सडक के किनारे खडी कार को धू-धूकर जलती हुई देखकर लोगों ने उसका शीशा तोडकर देखा कि उसकी अगली सीट पर आग से बुरी तरह जलने से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। इसके हाथपैर का तार से बांध दिया गया था। पता चला है कि मृतक गोरखपुर शहर में घंटाघर के पास रहने वाले नितिन अग्रवाल थे। इसी दिन भोर में पूर्वांचल के ही गाजीपुर जिले में असलहाधारी डकैतों ने दिल्ली-राजेंद्रनगर राजधानी एक्सप्रेस के चार कोचों में जमकर लूटपाट की। फिरोजाबाद में एक खनन माफिया ने एक सिपाही की ट्रैक्टर से कुचलमर हत्या कर दी। सीतापुर जिला के रामकोट थाना के तहत ग्राम लालपूर परसेहरा में ग्रामप्रधान पद का चुनाव लड चुके एक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी।
राजधानी लखनऊ का भी हाल बहुत बुरा है। सिर्फ पांच दिनों के ही अंदर यहां अनेक गंभीर आपराधिक घटनाएं हो चुकी है। वह भी उस हालत में जब खुद मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ बमुश्किल चार घंटे नींद लेते हैं। यह शहर खुद उनकी और पुलिस महानिदेशक की नाक के नीचे है। योगी तो पुलिस कोतवाली हजरतगंज की औचक निरीक्षण भी कर चुके हैं। लेकिन, मौजूदा डीजीपी ने अब तक ऐसी एक भी मिसाल नहीं पेश कर सके हैं। लगता है कि वह खुद भी ऐसा कुछ कर दिखाने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं। इसे अच्छा नहीं कहा जा सकता हैं। ऐसे में पेश है चुनिंदा संगीन आपराधिक वारदातों की सिर्फ कुछ मिसालें।
कल ही सरोजनीनगर में चैकीदार बृजेंद्र की गला घोंटकर हत्या कर दी गयी। रायबरेली रोड पर बदमाशों ने ड्राइवर का पीटकर उसकी कार लूट ली। इंदिरा नगर में कुछ लोगों ने एक युवक की पीट कर हत्या कर दी। निरालानगर में इंजीनियर फिरोज जमाल खान की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गयी। गोमती नगर में एक महिला की बडी बेरहमी से हत्या कर दी गयी। सपा के एक नेता ने सिपाही और क्रेनचालक की पिटाई कर दी। मलीहाबाद में छह साल की एक बच्ची के साथ मुँह काला कर लिया गया। गोंसाईगंज में चाकू से गोदकर एक साधु की हत्या कर दी गयी। फिरोजाबाद में एक खनन माफिया ने एक सिपाही की ट्रैक्टर से कुचलमर हत्या कर दी। सीतापुर जिला के रामकोट थाना के तहत ग्राम लालपूर परसेहरा में ग्रामप्रधान पद का चुनाव लड चुके एक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी। सिर्फ तीन या चार दिनों के ही अंदर हुई इन संगीन आपराधिक घटनाओं के लिये सीधे मुख्य मंत्री को तो नहीं, लेकिन प्रदेश के मौजूदा पुलिस महानिदेशक को बेहिचम कटघरे में खडा किया जा सकता है। किसी भी स्थिति में इसे अच्छा नहीं कहा जा सकता है।
ऐसे में अच्छा तो यह होगा कि मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के भी पद पर अवनीश अवस्थी जैसे पारदर्शी चरित्र और लोकहित के प्रति पूर्ण समर्पित निष्ठावान अधिकारी को बिना देर किये आसीन करें। इससे स्वयं उनका कार्यभार हल्का होगा और प्रदेश के तीव्र बहुमुखी विकास के लिये अपनी ऊर्जा का वह कम समय में कहीं ज्यादा और भरपूर इस्तेमाल कर सकंगे। प्रदेश के 22 करोड लोग बडी शिद्दत से इस जरूरत का एहसास कर रहे हैं।
लखनऊ में ही ऐसे शीष पुलिस अधिकारी मिल सकते है। दिक्कत बस यही हो सकती है कि अवनीश अवस्थी की ही तरह ऐसा शीर्ष पुलिस अधिकारी इस पद के लिये मुख्य मंत्री के पास फरियाद करने के लिये खुद नहीं पहुंचेगा और ना ही इसके लिये किसी से सिफारिश ही कराना पसंद करेगा। ऐसे में पहल खुद योगी जी को ही करनी होगी। उनकी पैनी निगाह को अपने ही मानक के अनुरूप ऐसे पुलिस अधिकारी को खोज निकालने में देर नहीं लगेगी।