" कहते हैं कि बेताल का जन्म भगवान शिव के कुपित होने से हुआ था "
कहते है कि भगवन शिव जब कुपित हुए तब उनके कुपित होने से कई प्रकार के जीव उत्पन्न हुए और उनके कई रूप अवतरित हुए ।
कहते है कलयुग में जो भी तांत्रिक भक्ति के सिवा अन्य कर्मो में लग जाते है तब उनके कर्मों के अनुसार फल मिलते है जैसे कुछ अगिया बेताल बनते है कुछ बेताल बनते है कुछ अन्य राक्षस बनते है ।
"आप लोग विक्रम बेताल की कहानी में यह सुन सकते हैं कि बेताल एक तांत्रिक था जिसकी मृत्यु होने के पश्चात उसे बेताल योनि प्राप्त हुई थी और वह भटकता हुआ सबसे प्रश्न पूछता रहता था"
मैं आपको भगवान शिव से संबंधित बेताल की कथा सुनाने जा रहा हूं जो अत्यंत ही भयानक और अद्भुत है बात उस समय की है जब माता सती दक्ष के यज्ञ में जलकर भस्म हो गई थी तब भगवान शिव अत्यंत कुपित हुए और उन्होंने अपने सर के बाल से कृत्या को प्रकट किया कृत्या अपने साथ बेताल को लाई थी और महादेव के रुद्राक्ष से महारुद्र वीरभद्र का जन्म हुआ । और नेत्रों से महाकाली का जन्म हुआ सभी अत्यंत ही क्रोधित देवों में से माने जाते थे कृत्या और बेताल राक्षसी प्रवृत्ति के भगवान शिव के गढ़ माने जाते हैं वीरभद्र और महाकाली देवी स्वरूप और देवता के रूप में पूजे जाते हैं ।