नई दिल्ली : दशहरे के मौके पर दिल्ली में रामलीलाओं का दौर लगातार जारी है। दिल्ली की रामलीलाओं की सबसे ख़ास बात यह है कि ये राजनीति क लिहाज़ से भी महत्वपूर्ण मानी हैं। इसका उदाहरण लव कुश रामलीला में अंगद बने बीजेपी संसद मनोज तिवारी के उस डायलॉग से लगाया जा सकता है जिसमे उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक से रावण को डराने की कोशिश कर डाली। इस साल राजधानी दिल्ली में रही रामलीलाओं में रामलीला कमेटियों ने अपने मुख्य अतिथियों की लिस्ट भी तैयार कर ली है। सूत्रों की माने तो इस बार रामलीला कमेटियों के मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेस और बीजेपी के नेताओ का दबदबा है।
दिल्ली में सबसे ज्यादा भीड़ जुटाने वाली रामलीलाओं में लव कुश रामलीला कमिटी, श्री धार्मिक लीला कमेटी और नवश्री श्रमिक कमेटी की रामलीला हैं। नवरात्र के दौरान इन तीनों रामलीलाओं में प्रतिदिन 50 हजार से ज्यादा लोग आते हैं। जबकि दशहरे के मौके पर यह संख्या एक लाख पर कर जाती हैं।
दिल्ली की इन तीन बड़ी रामलीलाओं में इस बार सिर्फ एक रामलीला कमिटी ने सीएम अरविन्द केजरीवाल को मुख्य अतिथि बनाया है। लव कुश रामलीला कमेटी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को राजनाथ सिंह के न आने के कारण आमंत्रित किया है। क्योंकि दशहरे के मौके पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ मौजूद रहेंगे।
इस बार दिल्ली की रामलीलाओं में जिन लोगों को मुख्य अतिथि बनाया गया है उनमे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी,उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, सोनिया गाँधी, मनमोहन सिंह और गुलामनावी आज़ाद शामिल हैं।
वहीँ दिल्ली की मशहूर नव श्री धार्मिक लीला में 1958 नेता मुख्या अतिथि के रूप में शामिल होते रहे हैं, बीजेपी और कांग्रेस के नेता इसमें बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। पिछली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किए जाने के विरोध में कांग्रेस नेता जे पी अग्रवाल ने श्री रामलीला ग्राउंड कमेटी के मुख्य संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया था। अग्रवाल ने पीएम को आमंत्रित किए जाने का विरोध किया, जिसे कमेटी के अन्य सदस्यों ने नहीं माना।