नई दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव के चहेते शिष्यों को अगर अगले साल होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी टिकट नहीं देती है तो वह खुद अपनी नई पार्टी बनाएंगे. बाबा ने यह फैसला लेते हुए साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए लंगोट कस ली है. जिसके चलते वह साल 2018 में अपनी नई पार्टी गठित कर सकते हैं. इस बात का खुलासा बाबा के शागिर्द बाल कृष्ण ने एक बीजेपी नेता से किया है.
बाबा रामदेव बनाएंगे अपनी पार्टी
सूत्रों के मुताबिक पिछले लोक सभा चुनाव में बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 50 टिकट अपने चहेतों को चुनाव मैदान में उतरने के लिए मांगे थे, लेकिन मोदी ने उनके कहने पर महज 5 टिकट ही दिए थे. बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कभी उनके बहुत अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन जब से वह पीएम बने है. उन्होंने योग गुरु बाबा रामदेव को किनारे कर दिया है. यही नहीं नमूने के तौर पर बाबा के वैदिक बोर्ड बनाने का सपना भी मोदी सरकार में नहीं पूरा हो सका, जिसके बाद उन्हें यूपी के सीएम अखिलेश यादव की शरण में जाना पड़ा.
रामदेव से मोदी ने किया किनारा
पीएमओ कार्यालय के जानकर सूत्र बताते हैं कि पीएम बनने से पहले तक जैसे ही बाबा रामदेव का फ़ोन आता था तो मोदी उनसे बातचीत कर लेते थे, लेकिन जब से केंद्र में मोदी की सरकार बनी है. पीएम नरेंद्र ने उनसे किनारा कस लिया है. जिसके चलते ही बाबा रामदेव कई बार देश में काला धन वापस लाने को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते रहें हैं. हालांकि अन्य राज्यों की सरकारें उन्हें बुलाती रही है. योग दिवस पर भी बाबा रामदेव उपस्थित रहे. लेकिन भीतर ही भीतर वह मोदी सरकार के खिलाफ बताये जाते हैं.
लंगोट कसी बाबा रामदेव ने
सूत्रों के मुताबिक योग गुरु बाबा रामदेव के शिष्य बालकृष्ण ने बीजेपी नेता से इस बात का खुलासा करते हुए बताया है कि पतंजलि कंपनी जब से 25 ,000 करोड़ रुपये की हो गयी है. तब से योग गुरु बाबा रामदेव यह मन बना चुके हैं कि अगर दो साल के भीतर उनकी कंपनी 100 हजार करोड़ की हो जाती है तो वह अपनी एक नई पार्टी बनाकर साल 2019 में देश में होने वाले लोकसभा चुनाव के अखाड़े में अपनी किस्मत खुद आजमाएंगे. बहरहाल चुनाव के अखाड़े में बाबा ने कूदने के लिए अपनी लँगोट अभी से कस ली है.