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बचपन

11 जनवरी 2023

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अबोध मन सा बचपन,
निश्छल चंचल चितवन।
पुष्प अंकुरित सा कोमल,
ओस की बूंदों सा मनभावन।।

घर आंगन महकाता बचपन,
नादान परिंदे जैसा बचपन।
गुलशन गुंजाएमान बालमन,
बिन बात मुस्काए बालमन।।

सूरज सा दमके बालमन,
निश्छल भोला भाला बचपन।
धूप छांव न देखता बालमन,
खेल खिलौने में मगन बालमन।।

चांद की चांदनी रात में रौशन,
जगमग उजियारे सा बचपन।
जगमगाती रात में खेले मन,
तारों को गिनता है बालमन।।

बिन बात भय गर खाता,
मां की गोद छूपता बालमन।
दादी नानी की आती याद,
कहानियों में खोता बचपन।।

✍️✍️✍️✍️✍️
स्वरचित मौलिक
अनुपमा वर्मा
Deepak Singh (Deepu)

Deepak Singh (Deepu)

डेली राइटिंग पे टैग कैसे ऐड करते हैं

11 जनवरी 2023

anupama verma

anupama verma

हार्दिक आभार 💐🙏

11 जनवरी 2023

 Dr.Jyoti Maheshwari

Dr.Jyoti Maheshwari

आपने बहुत अच्छा लिखा है।

11 जनवरी 2023

anupama verma

anupama verma

11 जनवरी 2023

Thank you 💐🙏

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रचनाएँ
काव्य कुंज द्वितीय
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मेरी स्वरचित कविताओं का संग्रह
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बचपन

11 जनवरी 2023
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अबोध मन सा बचपन,निश्छल चंचल चितवन।पुष्प अंकुरित सा कोमल,ओस की बूंदों सा मनभावन।।घर आंगन महकाता बचपन,नादान परिंदे जैसा बचपन।गुलशन गुंजाएमान बालमन,बिन बात मुस्काए बालमन।।सूरज सा दमके बालमन,निश्छल भोला भ

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हिंदी भाषा

11 जनवरी 2023
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मैं हूं तुम्हारी हिंदी भाषा,इसको तुम पहचान लो।अस्तित्व हूं तुम्हारा मैं,मुझको तुम पहचान लो।।कर्म हूं और कृति भी मैं,अस्तित्व है यूं मुझसे जुड़ा।मर्म हूं और व्यथा भी मैं,अस्तित्व तुम्हारा मुझसे जुड़ा।।

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आज का युवा

12 जनवरी 2023
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आज का यह युवा भारत,लोकतांत्रिक मुख्य आधार।राजनीति और विकास पर,युवा अग्रसर और है तैयार।।आज का यह युवा भारत,शक्ति से यह परिपूर्ण है।देश स्वाधीनता इसकी,योगदान बेहतरी सम्पूर्ण है।।आज का यह युवा भारत,मार्ग

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