लखनऊ : यूपी में रविवार को होने जा रहे तीसरे चरण के मतदान में लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट पर जहां समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की प्रतिष्ठा अपनी छोटी बहू अपर्णा यादव को लेकर दांव पर लगी हुई है, वहीँ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई रीता बहुगुणा जोशी ने भी एड़ी चोटी का जोर चुनाव जीतने के लिए लगा दिया है. जिसके चलते इस वीआईपी सीट पर बीजेपी और सपा के बीच कांटे का मुकाबला दिखाई दे रहा है. गौरतलब है कि इस सीट को लेकर दो राजनैतिक घरानों के बीच बहुत ही कम मार्जिन से हार जीत का फैसला होगा.
दो वीआईपीयों के बीच कांटे की टक्कर
मालूम हो कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं. इससे पहले वह कांग्रेस से कैंट विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक हैं. लेकिन इस बार वह बीजेपी से इसी सीट पर अपनी किस्मत आज़मा रही हैं और क्षेत्र में उनका जबरदस्त वर्चस्व है. वह जनता के हर सुख दुख में उनके साथ कंधे से कंधा मिलकर खड़ी रहती हैं. इसलिए जनता भी उनके साथ है. लेकिन पहाड़ी वोट वाली इस सीट पर मुलायम सिंह यादव की बहु अपर्णा भी अपनी किस्मत सपा के टिकट से आज़मा रही हैं. इसलिए मुलायम की प्रतिष्ठा भी दांव पर इस सीट को लेकर लगी है.
कैंट सीट पर होगा रोमांचक मुकाबला
मालूम हो कि मुलायम सिंह ने इस बार विधानसभा चुनाव में दो ही प्रत्याशियों के लिए जनता से वोट मांगे. जिसमें से एक तो उनके भाई शिवपाल यादव और दूसरी छोटी बहू अपर्णा शामिल हैं. पहली सभा उन्होंने जसवंत नगर सीट के लिए शिवपाल यादव कि सभा को संबोधित किया और वहां कि जनता से शिवपाल को जिताने कि अपील की. इसी तरह बहू अपर्णा यादव को जिताने के लिए उन्होंने कैंट विधानसभा में जनसभा संबोधित कर वोट मांगे. इसके अलावा मुलायम ने अन्य किसी प्रत्याशी के समर्थन में पार्टी का प्रचार नहीं किया. इसलिए उनकी प्रतिष्ठा इस सीट को लेकर दांव पर लगी हुई है. इतना ही नहीं उनकी ही जिद पर मुलायम की बड़ी बहू डिंपल यादव और सीएम अखिलेश यादव ने भी अपर्णा के समर्थन में जनसभा आयोजित कर वोट मांगे. बहरहाल इस वीआईपी सीट पर दोनों ही पहाड़ी प्रत्याशियों के बीच काफी रोमांचक मुकाबला बताया जाता है. अब मतदाता का झुकाव किसकी तरफ होगा. यह तो 11 मार्च को ही पता चलेगा.