‘बैरिकेड’ इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चित उपन्यास है, जिसने हिन्दी साहित्य में प्री-बुकिंग के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बैरिकेड कहानी है भारत के मिडिल क्लास के सपनों की। अभिषेक सिंह ने बैरिकेड की कहानी कुछ ऐसी गढ़ी है, जिससे कि कथानक कई शहरों से होकर गुज़रता है। कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, इलाहाबाद, सिवान, जौनपुर, बनारस, लखनऊ, दिल्ली और रायपुर सारे शहर एक-एक कर ज़िन्दा हो उठते हैं। “बी. एच. यू., बिरला और बवाल” से गुज़रते हुए पाठक रोमाँच के एक ऐसे सफ़र पर निकल चुका होता है, जहाँ से उसे वापस लौटने का मन ही नहीं करता। कहानी पानी की तरह बहती है और एक ऐसे सफ़र पर निकलती है, जिसमें प्यार, निराशा, भटकाव, दोस्ती, बेफ़िक्री, डर, साहस, रोमाँच, हँसी-ठिठोली, मस्ती, संघर्ष और सफ़तला के सारे रंग हैं। बैरिकेड कहानी है एक ऐसे नायक की, जिसने स्याह दिनों में ज़िन्दगी की हर बाधा, हर बैरिकेड को तोड़ने की तैयारी की, और उजले दिनों की पटकथा लिख डाली।
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