दिल्ली : ऑल इंडिया रेडियो (AIR) अब बलूच लैंग्वेज में प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है. केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दी है. ये फैसला ऐसे वक्त सामने आया है, जब मोदी सरकार PoK और बलूचिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरने की कोशिश कर रही है.
बुधवार को कैबिनेट मीटिंग में बलूच लैंग्वेज में प्रोग्राम शुरू करने के फैसले को मंजूरी दी गई. बता दें कि 25 अगस्त को बलूचिस्तान की आजादी के सपोर्टर्स ने वहां अपने शहीद लीडर अकबर बुगती के साथ नरेंद्र मोदी की फोटो लहराई थी.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी झंडे कुचलकर भारत के पक्ष में नारेबाजी की और मुद्दा उठाने पर मोदी का शुक्रिया भी अदा किया था. गौरतलब है कि रक्षाबंधन के मौके पर एक बहन के तौर पर महिला बलूच लीडर करीमा बलोच ने मोदी से मदद और इस मुद्दे को ग्लोबल लेवल पर उठाने की अपील की थी.
15 अगस्त को मोदी ने कहा था
15 अगस्त को अपनी स्पीच में मोदी ने पहली बार लाल किले से PoK और बलूचिस्तान का जिक्र किया था. पीएम ने कहा था, ''पिछले कुछ दिनों में बलूचिस्तान और पाक के कब्जे वाले इलाके के लोगों ने जिस तरह से मुझे बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है, इस पर मैं उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं.''
मोदी ने इससे पहले कश्मीर मसले पर ऑल पार्टी मीटिंग में कहा था, ''पीओके भी भारत का हिस्सा है. गिलगित-बाल्तिस्तान और बलूचिस्तान में पाकिस्तान जो हिंसा कर रहा है, उसके बारे में भी बात होनी चाहिए.'' इस पर पीओके और बलूचिस्तान के लोगों ने मोदी का शुक्रिया अदा किया था.
पाक ने किया था कब्जा
बता दें कि 1948 में बलूचिस्तान आजाद देश था. पाकिस्तान में नहीं मिलने पर मोहम्मद अली जिन्ना ने आर्मी भेज कर वहां कब्जा कर लिया था. इस तरह बलूचिस्तान पाक का हिस्सा बन गया, लेकिन वहां के लोगों को बाकी पाकिस्तानियों जैसी सुविधाएं और हक नहीं दिए गए.
बाद में बलूच लोगों में विरोध की चिंगारी भड़कने लगी. आरोप है कि आंदोलन को दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने हजारों लोगों का कत्लेआम किया. कई बलूच नेताओं की हत्या कर दी गई. लेकिन अब मोदी के इस मुद्दे को उठाने पर वहां के लोगों की उम्मीद फिर जगी है. आए दिन होने वाले प्रदर्शनों में मोदी की फोटो देखने को मिल रही है.