कोलकाता : पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग की चार नगर निकाय सहित पश्चिम बंगाल में सात नगर निकायों के लिए कल मतदान होना है और विपक्ष ने तृणमूल कांग्रेस पर बाहुबल की रणनीति अपनाने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष चुनाव की मांग की है।
जिन सात नगर निकायों में चुनाव होने हैं उनमें पर्वतीय क्षेत्र के दार्जिलिंग, कुर्सियांग, कलिम्पोंग, मिरीक अधिसूचित क्षेत्र प्राधिकरण के अलावा मुर्शिदाबाद का डोमकल, दक्षिण 24 परगना का पुजाली और उत्तर दिनापुर का रायगंज शामिल है।
दार्जिलिंग जिले में आक्रमक तृणमूल तथा जीएनएलएफ गठबंधन तथा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम)-भाजपा गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। कल होने वाला चुनाव यह फैसला करेगा कि पर्वतीय क्षेत्र पर कौन राज करेगा। यह पिछले एक दशक से जीजेएम का गढ़ है।
जीजेएम तृणमूल कांग्रेस पर अपने नेताओं की खरीद फरोख्त करने और अपने खिलाफ झूठी और बेबुनियाद खबरें फैलाने का आरोप लगा रही है।
जीजेएम प्रमुख बिमल गुरूंग ने एक चुनाव अभियान के दौरान कहा है, ‘‘टीएमसी गोरखालैंड से जुड़े हितों को कम करके आंकने की कोशिश कर रही है जिसके लिए हम लड़ रहे हैं।
टीएमसी जीजेएम के बारे में झूठी और बेबुनियाद खबरें फैला रही है कि हमने पर्वत के विकास के लिए कुछ नहीं किया। टीएमसी की विभाजनकारी राजनीति पर्वतीय क्षेत्र में काम नहीं करेगी।’’ राज्य के मंत्री और पर्वतीय क्षेत्र के प्रभारी अरूप विश्वास ने जीजेएम के आरोपों से इनकार किया।
विश्वास ने कहा, ‘‘आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। तथ्य यह है कि जीजेएम पर्वत में तनाहशाही चला रही है और लोगों ने इसके खिलाफ बगावत करनी शुरू कर दी है। पर्वत के लोगों ने ममता बनर्जी को अपने अविवादित नेता के तौर पर स्वीकार कर लिया है और इसलिए जीजेएम ये आधारहीन आरोप लगा रही है।’’ वहीं डोमकल चुनाव में मुकाबला टीएमसी और कांग्रेस माकपा गठबंधन के बीच है जबकि पुजाली और रायगंज में टीएमसी को माकपा कांग्रेस के अलावा भाजपा से भी चुनौती मिलने की संभावना है।