अहमदाबाद : गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष जीतू वघानी के खिलाफ मुंबई कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. ये वारंट 10 करोड़ 85 लाख की धोखाधड़ी के मामले में जारी किया गया है. मुंबई के एक अदालत ने उनके और उनके व्यापार िक साझेदार के खिलाफ एक गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. यह वारंट एवा ग्रुप ऑफ कंपनीज की तरफ से जारी 19 लाख रुपये का एक चेक बाउंस होने के संबंध में जारी किया गया है.
भावनगर स्थित एवा ग्रुप में वाघानी एक साझेदार हैं और इस समूह ने मुंबई के बांद्रा उपनगर में में अगस्त, 2010 में एक नीलामी के तहत 10.85 करोड़ रुपये में एक भूखंड खरीदा था. भूखंड का स्वामित्व स्टैन रोज स्टील लिमिटेड के पास था.
उसके बाद एवा ग्रुप ने इस भूखंड को ऊंचे दाम पर नॉवेल्टी पॉवर इंफ्राटेक कंपनी को बेच दिया, जिसने पहली किश्त के रूप में तीन करोड़ रुपये का भुगतान किया. बाद में नॉवेल्टी पॉवर ने सौदा रद्द कर दिया, क्योंकि एवा ग्रुप भूखंड का मालिकाना हक की मंजूरी में काफी अधिक समय लगा रहा था. एवा ग्रुप ब्याज सहित धनराशि लौटाने पर सहमत हो गया, लेकिन पहला रुपये का चेक बाउंस हो गया, क्योंकि कंपनी के खाते में पैसे ही नहीं थे.
बांद्रा के एक महानगर दंडाधिकारी अदालत ने वाघानी और उनके साझेदारों के खिलाफ निगोसिएबल इंस्ट्रमेंट्स एक्ट की धारा 138 और 141 के तहत एक वारंट जारी किया. एवा ग्रुप ने इस आदेश को एक ऊंची अदालत में चुनौती दी, लेकिन वहां याचिका खारिज हो गई.
इसके पहले कोर्ट 2 बार बेलेबल वारंट जारी कर चुकी है, लेकिन 3 अप्रैल को मुंबई पुलिस ने जीतू वघानी के भावनगर के घर पर वारंट देने का प्रयास किया था. लेकिन गुजरात पुलिस ने यह कहते हुए वारंट लौटा दिया कि नेता का पता नहीं चल पा रहा है. लेकिन मुंबई की अदालत ने अब एक गैर जमानती वारंट जारी किया है और गुजरात पुलिस को भावनगर जाकर वारंट तामील कराने का आदेश दिया है. गुजरात पुलिस ने फिर कहा कि वाघानी के पते पर सोमवार और रविवार दो बार जाने के बावजूद वह नहीं मिले.