ये बारिश नहीं बीमारी है.
ये हवा नहीं बीमारी है.
बचकर रहना अपने घर में,
ये जान न सिर्फ तुम्हारी है.
कुछ मेरी जिम्मेदारी है.
कुछ आपकी जिम्मेदारी है.
मान कवि की बात रहो घर,
यम से न किसी की यारी है.
बात मान रहो प्रिय निज ग्रह में,
जान आपकी मुझको प्यारी है.
गिर रहे पेड़ सड़कों पर,
जन जन पर विपदा भारी है.
कवि विशाल श्रीवास्तव.