shabd-logo

बारिश

20 सितम्बर 2021

19 बार देखा गया 19

ये बारिश नहीं बीमारी है.
ये हवा नहीं बीमारी है.
बचकर रहना अपने घर में,
ये जान न सिर्फ तुम्हारी है.

कुछ मेरी जिम्मेदारी है.
कुछ आपकी जिम्मेदारी है.
मान कवि की बात रहो घर,
यम से न किसी की यारी है.

बात मान रहो प्रिय निज ग्रह में,
जान आपकी मुझको प्यारी है.
गिर रहे पेड़ सड़कों पर,
जन जन पर विपदा भारी है.

कवि विशाल श्रीवास्तव.

4
रचनाएँ
जिंदगी
0.0
यह पुस्तक सभी मानवों में एक नव ऊर्जा का संचार करने का काम करेगी। कहीं इसके लेख आपको भावुक कर देंगे तो कहीं मौज भी देंगे तो खूब हंसाएंगे भी। काव्यात्मक शैली में कवि विशाल श्रीवास्तव द्वारा रचित यह पुस्तक प्रेम को सामाजिक तौर पर जोकि वर्तमान स्थिति पर सटीकता दर्शा रही होगी ऐसी रचनाओं से परिपूर्ण होगी। आशा करता हूँ कि मेरी पुस्तक आपको बहुत पसंद आएगी। लेखक कवि विशाल श्रीवास्तव

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए