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बेजूबान प्यार - सबसे सच्चा यार

9 अप्रैल 2022

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हर दिन मैं सोचती हूं की सुबह सुबह फ्रेश मन से तुझमें कुछ लिखूगी, पर क्या कहू की मैं सुबह तुझे वक्त ही नहीं दे पाती हू!
सुबह का वक्त तो ऐसे निकल जाता है जैसे की वक्त को मोरपिस लगा हो जैसे!
    पर दिनभर जब तक की तुझमें मैं कुछ लिख ना दू तब तक
मेरा दिन कहा खत्म होता है लगता है की कुछ ना कुछ कमी ही रह गई है दिन खत्म होने में!
     तो आती हू हर दिन मैं तुझसे मिलने, पर बडा सकुन मिलता है मुझे मिलकर, बस दिनभर की थकान मिट जाती है, और कल के बेहतर कल के लिये फिर से तैयार हो जाती हू! चलो फिर मिलते है कल! गूड नाईट! 

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रचनाएँ
प्यार के अलग रंग
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यह मेरी किताब कुछ प्यारी सी कहानियों का संग्रह है, जिसमें आप प्यार के अलग अलग रंग पा जायेंगे, प्यार सिर्फ एक ऐहसास है जिसमें आपको दोस्ती, मोहब्बत, करुणा और जानवरों से प्यार, जैसे कई इमोशन मिल जायेगे! आप सब लोग इसे जरुर से पढना और कुछ कमी हो मेरी कहानी में, कुछ सुझाव हो तो बता देना, मैं तहे दिल से आपकी आभारी रहुंगी, और जरुर से कमेंट बॉक्स में अच्छी बुरी जो भी हो समीक्षा लिखना, और पसंद आये तो फॉलो भी करना! इंतजार रहेगा आपकी समीक्षा का!
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प्यार से मिलन

8 अप्रैल 2022
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" बचपन से जिसने देखे थे सपने हजार, क्या सब ही साथ आकर मिलेगें इसबार!" कोई आम सी लडकी अपनी जिंदग

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बेजूबान प्यार - सबसे सच्चा यार

9 अप्रैल 2022
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हर दिन मैं सोचती हूं की सुबह सुबह फ्रेश मन से तुझमें कुछ लिखूगी, पर क्या कहू की मैं सुबह तुझे वक्त ही नहीं दे पाती हू!सुबह का वक्त तो ऐसे निकल जाता है जैसे की वक्त को मोरपिस लगा हो जैसे!

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यादों का पिटारा जादूई पिटारा

10 अप्रैल 2022
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बचपन से इंन्सान की सांसे चलती है, तब तक ना जाने वह जिंदगी की हर एक मोड पर कितनी यादें संजोगता जाता है, जिसमें कुछ तकलीफें भी देती है, कुछ तकलीफों में भी दवाओं का काम करती है,

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बचपन बूढापे की लाजबाब कश्ती

11 अप्रैल 2022
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रमन और देवयानी अपने गाव नैनीताल से कुछ दिन पहले ही मुंबई रहने आए थे, रमन एक ऑफिस में बडे से औदे पड था, रमन , देवयानी, उनका प्यारा सा बच्चा कुणाल जो की 5 साल का था, और दुसरी बार वो

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अनजाना सा एक रिश्ता

12 अप्रैल 2022
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ये कहानी शुरु होती है, संजय के यादों से, संजय कुर्सी पर बैठकर पुराने दिनों को याद कर रहा था, जब वह रानी के साथ कॉलेज में पढ रहा था, इलाहाबाद के कॉलेज में दोनों का ऍडमिशन हुंवा था,

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यकीन

13 अप्रैल 2022
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यकीन कितना खुबसुरत लफ्ज है ना, कहते है यकिन से दुनिया जीती जाती है, आज प्रेम का महिना में मेरी आखिरी कहानी क्युँकी प्रतियोगिता में कहनी लिखने का आज का आखिरी दिन, पहले में स

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दोस्त खुबसुरत हमसफर

14 अप्रैल 2022
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सुहास और संजना करीबन २१-२२ साल के दिल्ली के कॉलेज में जानेवाले विद्यार्थी है, काफी अच्छी दोस्ती है उन दोनों की, झगडना और कई कई दिनों तक मुंह मोड लेना ये तो आम सी बात है, उनका चार द

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अनोखा रिश्ता दोस्ती और इंसानियत

16 अप्रैल 2022
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वैसे कहते है की दो लडकिया कभी दोस्त नहीं होती, अगर हुवी तो भी ज्यादा दिनों तक दोस्त नहीं बनी रह सकती, हमारी कहानी है तीन दोस्तों की जूही, शामला और उनके दोस्ती का सबसे मजबूत

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जूडा धडकनों से ये कैसा रिश्ता

17 अप्रैल 2022
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बनारस के छोटे से गाव से सरिता और सुमित मुंबई रोजीरोटी की तलाश में आये थे, कुछ साल पहले कितनी खुशहाल जिंदगी थी दोनों की, अपने परिवार के साथ इतनी खुशियाँ बटोरने में दोनों जुट गये थे

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अंधेरी की गुमनाम परछाई

18 अप्रैल 2022
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ये कहानी शुरु होती है, निशा से! निशा यू तो भरा पुरा परिवार रहा है उसका, पर उसी परिवार के बीच हर किसीसे जूडे हेने के बावजूद अपना अलग वजूद की तलाश में अकेले सबसे दूर रहती, निशा! निश

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