यकीन कितना खुबसुरत लफ्ज है ना, कहते है यकिन से दुनिया जीती जाती है, आज प्रेम का महिना में मेरी आखिरी कहानी क्युँकी प्रतियोगिता में कहनी लिखने का आज का आखिरी दिन, पहले में सोचती थी, क्या मैं कहानी कभी लिख पाऊँगी, जितने सफाई से कॉलेज से मैं कविताऐ लिखती आई, उतने यकिन से मैनें कभी कहानी लिखने की कोशिश नहीं की, पर इस साल मैनें खुद से वादा किया है, किसी भी विधी में लेखन करने में मैं खुद को मना ना करुंगी, लाईफ को मैं हमेशा नेव्हर गिव्ह अप कहुँगी, और फिर बिना सोचे मैनें पहली बार प्रतिलिपी अॅप पर कविता लेखन कॉप्टिटीशन में सहभाग लिया था, और खुशी की बात मैं टॉप तीस में आकर डिजीटल सर्टिफिकेट भी जीता, तो मैनें सोच लिया, शायद भगवान भी मेरे साथ है, और फिर आप सबका प्यार देखकर इस यकिन के साथ आज की कहानी लिख रही हुँ, की आपको ये कहानी पसंद आये!
ये कहानी है मीरा जो एक छोटेसे गांव में रहनेवाली लडकी,जिसको बचपन से ही सिखाया गया था, की हर एक पर यकिन रखना, बडी सिंपल होती है ना गाव में रहनेवाली लोगों की लाईफ, हर किसीको मदद करना, गम खुशी बाँटना, जरुरत के समय साथ खडे रहना ये तो उनका नेचर होता है, यहीं सारी खुबियाँ मीरा में भी थी,
दिखने में बडी खुबसुरत ना थी, पर दिल की बहुत खुबसुरत थी, पर आज की दुनिया में दिल की खुबसुरती देखनेवाले चंद ही होंगे सोसायटी में जिनका दिल वाकई में खुबसुरत होता है, बडे लंबे लंबे बाल,गहरी काली आँखें सलवार कमीज पहनी मीरा अपने कॉलेज के पहले दिन किशन से टकराई, बडे अदब के साथ माफी मांगके क्षमा किजीये, ये कहनेवाली ऊस लडकी ने सच में किशन को प्रभावित कर दिया, वो दिल ही दिल में सॉरी की जगह माफ किजीये ये करनेवाली मीरा के बारे में सोचकर एक हल्की सी मुस्कुराहट के साथ आगे निकल गया!
दोनों एक ही कॉलेज में पढनेवाले किसी ना किसी कारण सामने आते, तो मीरा चेहरे पर मुस्कान ओढे आगे निकल जाती,अनजानी सी वो लडकी मीरा ना जाने कब किशन के जानी पहचानी लगने लगी, वो उसके तरफ बिना कहे खिंचा चला जा रहा था, जहाँ दिखावे के दुनिया में रहनेवाले लोगों बाहरी खुबसुरती वाली कॉलेज की लडकियाँ पसंद आ रही थी, वहाँ किशन को मीरा की सादगी अच्छी लग रही थी, एक मीरा किशन वो थे, जिसमें मीरा बिना पाए किशन को पा गई, उसकी भक्ती ने जहर को भी सुधा कर दिया, एक तरफ ये मीरा जिसकी बोली में वहीं सुधा की मिठास थी, देखते देखते वो सबकी चहिती बन गई, हालाकि किशन मॉडर्न लडका था, पर क्यूं ना जाने उसे मीरा पसंद आने लगी, हालाकि वो मीरा से प्यार नहीं करता था, पर फिर भी कुछ ऐसा था, जो बार बार उसे मीरा की तरफ खिंचता था!
देखते देखते दोनों अच्छे दोस्त बन गये, हर एक बात एकदुसरे से करते थे, दोनों के बीच कोई राज नहीं था, उनका रिश्ता इतना गहरा था की बिना कुछ कहे एक दुसरे की बात समझ जाते है, ऐसे ही देखते देखते कॉलेज का आखिरी दिन आ गया, किशन और मीरा ने एकसाथ खुब पढाई की थी, दोनों के पेपर बडे अच्छे गये, दोनों के रास्ते अब हमेशा के लिए अलग होनेवाले थे, दोनों आखिरी बार पार्क में मिले, आंखों में उदासी, फिर भी लबों पे मुस्कान के साथ वो एकदुसरे को हमेशा साथ देने के यकीन के साथ बाय कह गये!
जिंदगी के सफर में अब उस यकिन का ही इंतहान था, कॉलेज की मुश्किलें भी आसान ही होती है, बिना कोई रिश्ते से सिर्फ यकिन के बलबुते पर मीरा और किशन को रिश्ता निभाना था, गाँव जाने के बाद मीरा ने मा बाप के मर्जी से शादी की, ये हर लडकी में मीरा ढूँढता गया, जबकी मीरा की शादी में सारी तैयारी उसी ने की थी, मीरा के कहने पर ही किशन ने मीरा के पसंद की लडकी से शादी कर ली, हर परेशानी में मीरा के जुबान पर पहला नाम किशन का ही आता था, और किशन के मीरा का, रिश्ता ही था कुछ ऐसा, बिना बंधन का सिर्फ यकिन पर खडा की चाहे जिंदगी में कुछ भी हो साथ में दोनों एकदुसरे के लिए खडे है!
आज मीरा के शादी को पुरे तीस साल हुवे है, जो दोस्ती तब रिश्ते में ना बदली, आज वो रिश्ते में बदलने जा रही है, मीरा के बेटे ने किशन के बेटी को पसंद किया है, दोनों की आज शादी है, इस रिश्ते में प्यार के साथ यकीन भी है , जिस शिद्दत से किशन और मीरा ने दोस्ती निभाई रिश्तेदारी भी निभाऐगे, आज दोनों की आंखों में खुशी के साथ साथ यकीन भी आकर ठहरा है ! ये थी मेरी आखिरी कहानी प्यार का एक रुप- यकिन जो सबसे खुबसुरत, सबसे अनोखा! भगवान करे हर एक के जिंदगी में यकिन करने लायक रिश्ता हो, जो बिना किसी बंधन के साथ चले, इस यकिन से हम उन्हें पुकार पाए वो हमारे साथ होंगे! आशा करती हुँ आपके जिंदगी में वो इंसान होगा, और अगर नहीं तो आप ही बन जाईये किसीके यकिन के काबिल!