लखनऊ : बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर नगद राशि का लालच देकर भरवाये जा रहे फर्जी फार्मों के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है। इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक बार फिर साफ किया है कि सरकार की ओर से इस योजना के तहत किसी तरह के नगद प्रोत्साहन का प्रावधान नहीं है। लोग किसी भी भ्रम में आकर अपनी निजी जानकारियां साझा न करें।
सरकार दूर करेगी भ्रम
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब और बिहार में लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत नगद राशि दे रही है। नगद प्रोत्साहन राशि देने के नाम पर जिनके बेटियां है उन लोगों से फार्म भरवाये जा रहे हैं जिसमे उनका पूरा ब्योरा भरवाया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब और बिहार की राज्य सरकारों के समक्ष उठाया। यह योजना बालिकाओं के महत्व को समझाने, पीसी एंव पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू कराने को लेकर है। यह योजना सामाजिक व्यवस्था में लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव को दूर करने और समाज की पितृ सत्तात्मक सोच को बदलने के बारे में है। मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि वे किसी भी तरह की धोखाधड़ी में न फंसे अपनी जानकारी साझा न करें। मामले की गंभीरता और जनहित को देखते सरकार ने योजना में नगद राशि के प्रोत्साहन के नाम पर गलत तरीके से प्रारूप और फार्म भरवाये जाने की जांच सीबीआइ को सौंप दी है।