प्यार और दर्द हमारी जिंदगी के बहुत ही खूबसूरत, अहसास होते हैं। इसके बिना हम जिंदगी की कल्पना नही कर सकते हैं। जिंदगी कभी प्यार के नाम कर जाते हैं कुछ लोग और कुछ लोग दर्द के नाम ये तो किस्मत की, बात होती है किसी के हिस्से प्यार आता किसी के हिस्से दर्द......
लेकिन कभी कभी जिंदगी में प्यार और दर्द दोनों ही, आता है और उसके साथ साथ हमें अपनी जिंदगी गुजारनी पडती है। प्यार की दास्तां तो बहुत ही प्यारी होती है।उसके साथ जीना हर कोई चाहता हैं लेकिन दर्द, की दास्तां न कोई सुनना चाहता है न कहना,
आज हम आपको ऐसे ही प्यार और दर्द के दास्तां की कहानी बता रही हूँ जरूर पढ़िएगा किस तरह दोनों एक दूसरे, से हार नही मानने को तैयार है वैसे, ही प्यार और दर्द का रिश्ता है दोनों के बिना जिंदगी, अधूरी है कुछ ऐसी ही कहानी है लाये हैं।
आप सब के लिए पढ़ेयेगा जरूर।
प्यार का नाम सुनते ही हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है,और नजरें नीचे हो जाती है प्यार है तो अधूरा सा शब्द लेकिन सभी लोग अपनी जिंदगी में पूरा ही चाहतें हैं। कोई कोई किस्मत वाले होते हैं जिनका प्यार जिंदगी, में मिल जाता है और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनका, प्यार अधूरा रह जाता है और उस अधूरे प्यार और दर्द के साथ अपनी जिंदगी जीते और मरते हैं।
प्यार अगर हो और दर्द न हो तो जिंदगी जीने में मजा नही आता है। क्योंकि अगर ज्यादा मिठाई खाने से मुँह का, स्वाद अच्छा नही लगता है उसके साथ नमकीन खाने के साथ मिठाई का स्वाद बढ़ जाता है, वैसे ही प्यार के साथ दर्द के साथ जीने में जिंदगी का मज़ा ही कुछ और होता है वैसे ही प्यार और दर्द का रिश्ता है अपने रघु और सिया का है।
हमारे राघव लेकिन प्यार से सब उसे रघु बुलाते हैं और, दूसरी है सिया दोनों के प्यार और दर्द की कहानी क्या, मोड़ लाएगी जिंदगी में ये तो वक्त बातयेगा।
आप सब का क्या कहना है।
राघव (रघु )अपने परिवार का एकलौता वारिस है। रघु, की जिंदगी में अपने परिवार की जिम्मेदारी है। ज़ो वो, बखूबी जानता सबकी जान बसती है।उसकी जानमें, बहुत ही प्यारा है।रघु ज़ो अपने परिवार से दूर हॉस्टल में, रह कर अपनी पढ़ाई कर रहा है।क्योंकि उसे अपने सपने, को पुरा करना है सब की ख़ुशी के लिए। वो बहुत ही
अपने परिवार से जुडा है अगर एक दिन फ़ोन नही करेगा, तो सारे घर वाले परेशान हो जायेंगे और तूफान, उठा लेते हैं।आज तूने फ़ोन क्यों नही किया क्या हुआ, तेरी तबियत ठीक है न उससे दस सवाल करेंगे। रघु, हँसते हुए बोलता है, रुको बाबा सांस तो लेने दो।
एक साथ इतना सारा सवाल रुको बताता हूँ, आज ये काम था कॉलेज का उसी में व्यस्त था बाबा इसलिए, फ़ोन नही उठया। उसकी माँ और दादी कहती बेटा मेरी, जान चली जाती है, जब तू फ़ोन नही करता है। अच्छा, तो ये बात थी अच्छा सॉरी अब से ये गलती नही होगी, दुबारा चलिए जल्दी से मेरी प्यारी झप्पी दे दो मुझे मेस में, खाना खाने जाना है वरना रात भर मेरे पेट में चूहें कुदेंगे।
फिर सब को हँसते हुऐ बाय बाय करते हुए फ़ोन रख, देता है।
और सर पकड़ कर बोलता है हे भगवान सब घर वाले, उसे छोटा बच्चा ही आज भी समझते हैं। अभी वो इस,
बारे में सोच ही रहा था की उसके दोस्त उसे बुलाते हैं। क्यों वे आज खाना नही खायेगा क्या वो कहता है। अभी, आया रुक अभी आया और वो खाना खाने चला, जाता है। यार बहुत जोर की भूख लगी है चल पहले खा, लेते हैं फिर बात करुँगा। सारे दोस्त खाना खा के घूम रहे, हैं तभी शान पूछता है।आज सिया से मिला था तब वो, कहता नही यार आजकल वो दिखाई नही दे रही है। पता नही क्यों कहाँ गुम हो गई है।तब उसके दोस्त बोलते चल, पता लगा के आते हैं तब रघु कहता है मरबाएगा, क्या चल छोड़ जब आने का होगा तब वो आ जाएगी। उसके लिए मेरे दिल के दरवाजे हमेशा खुला ही रहेगा। वंहाँ उसके सिवा कोई आ ही नही सकता है।सब हंसने लगते हैं,चल ज्यादा देवदास मत बन उसके लिए उसे तो, पता भी नही है की कोई उसे इतना प्यार भी करता है। रघु कहता है कोई उसे बातना भी नही।
आप सब सोच रहे होंगे की आखिर सिया को रघु जानता, कैसे है तो सिया एक केक 🎂शॉप चलाती है। और वंहाँ पर सिया के केक 🎂 बहुत ही yami...... है। क्यों कि वो सभी से बहुत प्यार से बात करती है।सभी के साथ अदब के साथ पेश आती है। हुआ यों कि एक दिन रघु गलती से सिया के केक शॉप पर चला गया उसे जाना, किसी और के शॉप से 🎂लाने जाना था और वो, वंहाँ जा कर।
बोलता है कि एक आर्डर दिया गया है। उसे केक चाहिए,
सिया कहती है की यंहाँ कोई ऑडर नही है फिर कैसे,
केक दे सकती हूँ।रघु झुंझला जाता है उसे गुस्सा आता है, अपने दोस्तों को वो कॉल करता है।अवे किस दुकान, से केक लाने बोला था तब उसे बताता है, की केक तो आ गया तू कहाँ घूम रहा है।कोई तितली मिल गई क्या, और सब फ़ोन पर हंसने लगे। रघु दांत पीसते हुए सिया, को घूर कर देखते हुए चला जाता है सॉरी बोल कर। सिया सोचती है कैसे कैसे लोंगो से मिलना पड़ता है, जिंदगी में।
हे भगवान ऐसे लोग फिर न मिले।
सिया के पापा नही हैं उसके ऊपर घर कि सारी, जिम्मेदारी है वो पढ़ाई भी करती है और साथ में केक, शॉप भी चलाती है क्योंकि उसके घर के खर्चे कैसे, चलेंगे। सिया कि माँ हमेशा उसके लिए परेशान रहती,
कि कैसे तू संभाल लेती है।पढ़ाई और सारे काम वो, हमेशा सोचते रहती है की कहीं तेरी पढ़ाई छूट न जाए,
तब वो कहती है नही माँ ऐसा कुछ नही होगा बस तेरा, आशीर्वाद बना रहे और वो अपनी माँ के गले लग जाती, है।तब सिया कि माँ पूछती है आज मेरी लाडो परेशान, लग रही है तब वो कहती है, नही माँ ऐसा कुछ नही बस, वो शॉप पर एक बंदे से थोड़ा सा बहस हो गया था वो, बिना ऑडर के केक लेने चला आया था। इस लिए थोड़ी सी तू तू मैं मैं हो गई और कोई बात नही है, फिर वो सॉरी, भी बोला था। उसकी माँ कहती ऐसे ही सब बात, को तू दिल से मत लगया कर चल हाथ मुँह धो कर आ। खाना खा ले फिर आराम करना थक जाती है मेरी लाडो। सिया कि माँ उसे प्यार से घर में लाडो ही बुलाती थी। सिया खाना खा कर छत पर घूम रही होती है, तब वो रघु के बारे में सोच रही थी उसकी सूरत उसके आँखों में बस गयी थी । रघु था ही इतना खूबसूरत और प्यारा की हर किसी को उससे दोस्ती हो ही जाती थी।सिया भी कम नही थी वो भी बहुत ही प्यारी और मासूम थी। जब दो दिल इतने खूबसूरत और मासूम होंगे तो दोनों में प्यार, और दोस्ती तो होना बनता है ना देखते हैं दोनों कि, जिंदगी में प्यार मिलता है.की दर्द ये तो वक्त ही बातयेगा।
की प्यार जीतता है या दर्द क्योंकि की जँहा प्यार होगा,
वंहाँ दर्द का भी होना बनता है,न वो भी मीठा मीठा दर्द,
तो होगा ही न अब आगे पढ़ेंगे क्या होता है..
इन दो प्यार और दर्द भरे सफर में इनदोनो......
आप सब क्या कहते हैं........
क्रमशः
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