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भाग -2

26 नवम्बर 2021

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आप ने अब तक पढ़ा था की रघु सिया से मिलने और, दोस्ती करने का कुछ जुगाड़ सोचता है। अब देखते हैं, आगे आगे क्या गुल खिलता है, उन दोनों की जिंदगी में, अब चलते हैं कुछ तो सोचा होगा बेचारा रघु अब क्या, करता है आगे.....
अच्छा आप सब बोलो क्या करना चाहिए रघु को सिया, से दोस्ती करने के लिए। मुझे तो लगता है वो कहीं उसका, डेलिवेरीबॉय बन जाय और हमेशा उसको मैडम, मैडम करते रहेगा 😄😄
आप सब क्या कहते हैं कैसा लगा मेरा आइडिया।
अच्छा चलो बहुत हो गया अब रघु से मिलते हैं अब रघु, सुबह जब कॉलेज जाने के लिया तैयार होता फिर कुछ, नास्ता करते हुए कॉलेज चला जाता है, और सोचते जा, रहा है की आज सिया पता नही मिलेगी या नही तभी, सिया उसके पास से गुजरती है वो भी उसे देख कर चौंक, जाती है और आंखे फार फार कर देखती है की, अरे ये तो वही बंदा है, जो उस दिन मेरे शॉप में मुझ से, उलझा था।
अरे बाप रे.. ये मैं कहाँ फंस गयी कहीं फिर से को,ई झगड़ा न हो जाय वो यही सोच रही थी की तभी उसकी, सहेलियों ने उसे पकड़ लिया और बताया की कॉलेज में,
सब लोग अगले सप्ताह ट्रिप पर जायेंगे क्या तू भी चलेगी, तो वो,
बोली क्यों नही जरूर जाऊंगी, फिर वो कहती है मुझे तो बहुत मजा आएगा, बस माँ इजाजत देदे फिर तो बल्ले बल्ले।
इधर रघु भी कॉलेज में होने वाली ट्रिप के बारे में सुना था फिर वो भी सोचा हम भी चल लेते हैं
 जिंदगी में घूमना बहुत मायने रखता है, लेकिन वहाँ
पर हमें जिंदगी में भी कुछ न कुछ, नया जरूर सीखने को मिलेगा। फिर क्या वो भी अपना नाम भर देता है। इधर सिया भी अपना नाम डाल देती है। फिर वो कॉलेज खत्म कर के वापस अपने शॉप पर चली जाती है क्योंकि आज बहुत सारा ऑडर आया था बहुत काम था, और वो रघु के बारे में भी सोचती है की हे भगवान... वो हमारे ही कॉलेज में पढ़ता है..... कहीं वो कॉलेज में भी न उलझ जाएगा हे भगवान,
मुझे बचाना।
इधर रघु सिया के बारे में पता करता है,तो पता चलता है। की वो उसकी जूनियर है तब वो सोचता है अच्छा चलो, मिलना तो होगा ही बात हो चाहे न पर मिलने का बहाना, तो मिल ही गया,क्या पता बात और दोस्ती भी हो जाय।
रघु में एक बात थी वो सोचता बहुत था क्या करुँ क्या, नही वो अपना खुद के फैसला भी जल्दी नही ले पता, था।
जब तक वो अच्छी तरह से समझ नही लेता था। इस लिए तो वो इतना सोच रहा की अगर सिया हमसे दोस्ती, नही की या कोई और भी हो सकता है उसकी जिंदगी,
होना भी चाहिए जिसके पास सब कुछ हो क्या( कहते हैं
आप सब इस बारे में)
मुझे तो नही लगता है जितना रघु सोच रहा है सिया के, बारे में क्योंकि सिया के पास जिम्मेदारीयों का पहाड़ पड़ा है।आखिर मुझे नही लगता है सिया के दिमाग़ ये सब, बात आई होगी।
अच्छा तब तक मैं सिया से मिलकर आती हूँ, और सिया क्या सोच रही होगी मि झगड़ालु अरे बाबा (रघु )के लिए।
 सिया जैसे ही शॉप से बाहर निकलती तभी बहुत जोर, की बारिश होने लगी फिर वो खुद से बुदबूदाती है।हे भगवान मुझे बहुत जोड की भूख लगी है अब मुए ये, बारिश भी अभी ही आ गया अब कब रुकेगी ये बारिश, तब न घर जाउंगी अगर भींग गई तो कॉलेज भी नही जा, पाऊँगी फिर शॉप भी बंद हो जायेगा।
  यही सब सोचते हुए फिर से वो वापस अपने शॉप में, रुक जाती है तभी उसके फ़ोन की घंटी बजती है। तब वो सोचती है पक्का माँ का ही फ़ोन होगा और सच में, उसकी माँ बहुत परेशान हो कर कहती मेरी लाडो क्या? हुआ शॉप पर ज्यादा काम है ज़ो अभी तक घर नही आई है । तेरे बारे में चिंता होने लगती है जमाना खारब है।
सिया कहती है अरे मेरी माँ तुम मेरी चिंता मत कर मैं सब संभाल लुंगी, फिर कहती अच्छा माँ अब घर आ कर खूब सारी बात करुँगी चलो बाय बाय......
फिर बाहर देखती बारिश बंद हो गई है फिर वो अपनी, स्कूटी से जल्दी से घर भागती है शॉप बंद करके।
घर पहुंच कर जल्दी से खाना खा कर वो अपने कमरे में जाती है और उसे रघु की याद बरबस आ जाती है, पता नही क्यों वो बार बार अकेले में उसके ही ख्याल में खो जाती है।ऐसा ही इधर रघु का भी हाल था उसका भी यही हाल था लेकिन दोनों अनजान अपने अपने ख़्यालों में।
खुद से बातें करते हुए पता नही कब वो एक दूसरे से,
अपने दिल की बात करेंगें भी या खुद तक सीमित रखेंगे।
दोनों को देख कर लगता है जैसे बने हों एक दूजे के लिए
लेकिन जब तक एक दूजे को अपने दिल की बात नही बातएंगे।तब तक कैसे पता चलेगा की एक दूसरे को, पसंद भी करते हैं जैसे वो दोनों मिले हैं तो लगता हैकी कभी उनदोनो में दोस्ती भी हो सकता है।सिया
तो डर ही जायगी कुछ बोलूं और झगड़ाना न शुरू कर दे मि झगड़ालू (रघु )। ये सब सोचते सिया सोने चली जाती
सुबह कॉलेज के लिए लेट न हो जाएं क्योंकि ट्रिप पर भी जाना है तैयारी करनी है समय कम है और काम ज्यादा यही सब सोचते सोचते वो सो जाती है।
इधर रघु को नींद नही आ रही है उसका दिल सिया से, बात करने के लिए मचल रहा है वो खुद पर गुस्सा होता। है आखिर क्यों उससे जा कर टकरया कितना अच्छा था।
ज़ो अपनी पढ़ाई और दोस्तों के साथ खुश था। हे भगवान क्यों उससे मिलवाया कुछ तो बात होगी ज़ो, हजारों लाखों में उस नकचढ़ी (सिया )से जाकर टकरया,
यही सब सोचते सोचते वो सुबह लेट तक सोया रहता है। तभी उसके घर से फ़ोन आया और उसकी माँ पूछती है कैसा है बेटा तू ठीक तो है न, तब वो कहता है हाँ ममा सब ठीक है वो कॉलेज की बातें बताने लगा फिर वो माँ से कहता ममा हमारे कॉलेज में ट्रिप पर सब लोग जायेंगे। वो अपनी ममा से कहता है मैं भी जाऊं उसकी
ममा कहती है क्यों तेरा जाने का मन है तब वो हाँ करता है तब उसकी ममा कहती है ठीक है जब इतना ही मन है तब चल जाना।
फिर क्या कहना रघु के ख़ुशी का उसे तो यकीन ही नही हो रहा था की घर वाले जाने की इजाजत देंगे वो भी ममा
वो इतना खुश होता है की फ़ोन पर ही अपनी ममा को ढेर सारा धन्यवाद देता है। उसकी ममा कहती बस बस ज्यादा लाड़ प्यार नही अच्छा जाना पीछे से सब कोई उसे चिढ़ा रहा है पढ़ाई भी करना केवल मस्ती ही नही
फिर उसके पापा उसकी ममा को चिढ़ाने के लिए कहते हैं लगता है अब तो साथ में बहु भी लेकर आएगा ही, सबकी हंसी की आवाज आ रही थी। फिर वो अपनी ममा को कहता है अब फ़ोन रखते हैं फिर बाद में बात करूँगा।
इधर रघु सोचता अरे बाप रे अब तो मैं गया इस सिया के चक्कर में पता नही क्या होगा आगे आगे.....
अच्छा अब आगे देखते हैं दोनों अब कैसे दोस्ती और प्यार करते हैं।
क्रमशः 
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Vikash Kumar Singh

Vikash Kumar Singh

मस्त

6 जनवरी 2022

6 जनवरी 2022

3 जनवरी 2022

1 जनवरी 2022

Krishnamurari

Krishnamurari

Very nice 👌

1 जनवरी 2022

Krihna kumar

Krihna kumar

Very nice 👌

1 जनवरी 2022

Sunu Kumar

Sunu Kumar

Bahut achha

1 जनवरी 2022

Rambalak

Rambalak

सुन्दर 👌👌

30 दिसम्बर 2021

Jyoti

Jyoti

बढ़िया

30 दिसम्बर 2021

30 दिसम्बर 2021

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रचनाएँ
प्यार और दर्द
5.0
इस कहानी का शीर्षक देख कर सब सोचते होंगे ये क्या नाम है। प्यार और दर्द लेकिन,जिंदगी में प्यार करना इतना आसान नही होता है।जितना आजकल इंटरनेट के ज़माने में हो गया है। प्यार बस प्यार ही नही होता है उसमें दर्द भी होता है। ऐसा नही होता है की जिंदगी में, दो मिनट में प्यार हो जाता है और दो मिनट में प्यार को भुला कर आप अपने जिंदगी से उसे दूर कर देंगे। जिंदगी में न प्यार करना आसान है न उस दर्द को भुला पाना इतना आसान है।
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भाग -2

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<div>प्यार और दर्द हमारी जिंदगी के बहुत ही खूबसूरत, अहसास होते हैं। इसके बिना हम जिंदगी की कल्पना नह

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भाग -3

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आप सब न अभी तक पढ़ा की सिया और रघु एक दूसरे से मिलते हैं रिया के पार्टी में...<div>लेकिन अभी तो वो मि

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रघुजब हॉस्टल पंहुचता है तो लगता है जैसे कुछ छुट गया है उसे बहुत खाली खाली लग रहा है।<div>यही होता है

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आपने पिछले भाग में पढ़ा था की सब सिया के यंहाँ से<div>खाना खा कर जाते हैं। रघु मुड़ मुड़ कर देख रहा है,

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12 दिसम्बर 2021
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आपने अभी तक पढ़ा था की सिया रघु को ढूंढ रही है। तभी अमन आता है,और सिया से पूछता है तूने रघु को देखा ह

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