शहर -- रायपुर
अभनपुर...
किष्ना:- माँ इसको बोल दो मेरे खेल के बीच में ना आए...।
चिंता:- मैं तो आउंगी.. जा क्या करेगा.. तु मेरी ही गोटियां लेकर खेल रहा हैं.. और मुझपर ही चिल्ला रहा हैं..। आने दे बाबा को मैं भी तेरी शिकायत करुंगी..।
किष्ना:- देख चिंकी मैं बोलता हूँ.. चली जा यहाँ से वरना बहुत पिटेगी..।
चिंकी:- हां तो मार ना... मैं डरती नहीं हूँ तेरे से..
किष्ना:- तु अपने बड़े भाई से ऐसे बात करेगी.. रुक तेरी तो..।
किष्ना उसके नजदीक गया और उसकी चोटी पकड़ कर खिंचने लगा..।
चिंकी जोर जोर से चिल्लाने लगीं... आहह छोड़ मुझे.. दर्द हो रहा हैं.. छोड़... मैं बाबा को बताउंगी.. छोड़...।
किष्ना:- मैं भी डरता नहीं हूँ बाबा से... बोल देना जिसको बोलना हैं.. मैं भी बता दुंगा तु सामने जवाब देती हैं अपने बड़े भाई को..। आज तो तेरी चोटी तेरे सिर से अलग करके रहूंगा..।
चिंकी:- अरे काहे का बड़ा भाई.. सिर्फ पांच मिनट पहले ही पैदा हुआ है मुझसे समझा....। तु मेरी चोटी छोड़ दे.. नहीं तो मैं भी काट खाउंगी तुझे..।
किष्ना:- हां तो काट.. मैं भी तो देखुँ..।
किष्ना चिंकी की चोटी खिंचकर उसे यहाँ वहाँ घसीट रहा था.. तभी चिंकी ने उसके पैर पकड़ लिए.. उसके घुटने के पास उसे जोर से काट खाया..।
किष्ना अचानक हुए इस हमले से संभल नहीं सका और धड़ाम से जमीन पर गिर गया..। किष्ना उठा और दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई..। हाथापाई करते करते वो दोनों घर से कुछ दूरी पर नाले के पास आ गए थे..।
ये देख साथ खेल रहे बच्चे बीच बचाव करने के लिए आगे आए.. पर उन दोनों पर तो जैसे खून सवार था..। एक दूसरे गालीगलौज करते हुए मारे जा रहे थे..। मामला बिगड़ता देख एक बच्चा दौड़ कर उनके घर की ओर गया और चिल्लाया :- मासी... मासी.... वो दोनों फिर से झगड़ा कर रहे हैं.. जल्दी चलो मासी..।
हे भगवान! इन बच्चों ने तो मेरा सांस लेना भी मुश्किल कर दिया हैं... क्या करूँ मैं इन दोनों का.. कुछ समझ नहीं आता..। कहाँ पर हैं वो दोनों नालायक..?( भावना ने उस बच्चे से पुछा)
मासी वो नाले के पास.. । वो बच्चा मासुमियत से बोला और भावना को अपने साथ लेकर चल पड़ा..।
भावना उन दोनों के पास आई तो देखा वो दोनों अभी भी एक दूसरे को हाथापाई कर रहे थे.... वो जोऱ से चिल्लाई... चिंकी.... किष्ना.... बस करो अभी.... बहुत हो गया तुम दोनों का..।
भावना की आवाज सुन दोनों रुक गए..। किष्ना दौड़कर उसके पास गया और भावना से लिपटकर बोला:- माँ पहले इसने मुझे मारा.. देखो माँ कितना मारा हैं मुझे..।
चिंकी:- नहीं मां पहले इसने मेरी चोटी खिंची थी... आप इन सबसे पुछ लो माँ.. देखो कैसे मेरे सारे बाल खराब कर दिए इसने..।
भावना:- बस करो तुम दोनों.. तंग आ गई हूँ मैं तुम दोनों के रोज़ रोज़ के झगड़ों से..।
चिंकी:- लेकिन माँ मैंने कुछ नहीं किया वो इसने ही.....
भावना:- चिंकी बस कर । तुझे काम पर नहीं जाना हैं क्या...! चल अभी देर हो जाएगी..।
चिंकी मुंह बनाती हुई अपने आप में बड़बड़ करतीं हुई अपने घर की ओर चल दी..।
भावना और किष्ना भी उसके पीछे पीछे चल दिए..।