नई दिल्लीः भाजपा से बगावत के बाद सियासी भंवर में झूल रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर नई अटकलों को जन्म दिया है। इस बीच राहुल की ओर से पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिल्ली तलब करने से इन अटकलों को और बल मिला है कि सिद्धू का आवाज-ए-पंजाब मोर्चा क्या कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव तो नहीं लड़ने जा रहा। राहुल ने कैप्टन को सात अक्टूबर तक दिल्ली में दस जनपथ के संपर्क में रहने को कहा गया है। लिहाजा कैप्टन ने सात अक्टूबर को अमृतसर का चुनावी दौरा टाल दिया है। अब वे 10 अक्टूबर के बाद ही पंजाब में कोई चुनावी कार्यक्रम करेंगे। कहा जा रहा कि पंजाब चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी का खेल बिगाड़ने के लिए राहुल और सिद्धू के बीच बड़ी ़सियासी डील होने जा रही। इससे दोनों विरोधी दल परेशान हैं।
सात अक्टूबर के बाद सिद्धू लेंगे स्टैंड
कहा जा रहा है कि राहुल गांधी और सिद्धू के बीच पंजाब चुनाव को लेकर लंबी बातचीत हुई। सिद्धू ने राहुल से मुलाकात के दौरान पंजाब को लेकर अपनी कुछ शर्तें रखी हैं। इन शर्तों पर राहुल ने सात अक्टूबर तक विचार करने को कहा है। कहा जा रहा है कि अगर राहुल गांधी ने सकारात्मक जवाब दिया तो सिद्धू कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर सबको चौंका सकते हैं।
दो लोगों ने राहुल और सिद्धू के बीच कराई मध्यस्थता
कांग्रेस का चुनावी प्रबंधन संभाल रहे प्रशांत किशोर और अजहरुद्दीन ने सिद्धू से अपनी नजदीकियों को भुनाते हुए उनकी राहुल गांधी से मीटिंग कराई। ऐसा कांग्रेसी धडे में चर्चा है। दरअसल पंजाब में भी प्रशांत किशोर कांग्रेस के लिए काम देख रहे हैं। न केवल वे सोशल मीडिया कैंपेनिंग को धार दे रहे बल्कि क्षेत्रीय क्षत्रपों को भी कांग्रेस के पाले में खड़ा करने में लगे हैं। ताकि अगर पंजाब चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिलते तो ठीक उसी तरह पीके कंपनी श्रेय झटक सके जिस तरह बिहार में महागठबंधन की जीत का श्रेय लूटने में पीके कंपनी कामयाब रही। सिद्धू को कांग्रेस से जोड़ने के लिए पीके कंपनी की यह कसरत इसी रणनीति का नतीजा है।
क्या कहते हैं पार्टी नेता
कांग्रेस नेता चरनजीत सिंह चन्नी कहते हैं कि राहुल और सिद्धू के बीच बातचीत जरूर चल रही है, मगर क्या चल रही है, इसकी जानकारी नहीं है। वहीं प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पूरा मामला प्रशांत किशोर डील कर रहे हैं। आवाज-ए-पंजाब के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर वह कुछ नहीं बोल सकते।