आज हमारे सभी प्लांट कारखाने किसी न किसी खनिज पर निर्भर है। खनिज सम्पदा का उपयोग शोधन कर हमारे दैनिक जीवन की वस्तुओं के निर्माण के लिए किया जाता है। खदान से प्राप्त खनिज तत्व में कई अशुद्धता रहती है जिसे वत्याभाट्टि में गलाकर अशुद्धि को नष्ट करते है और शुद्ध अयस्क प्राप्त कर लिया जाता है। शुद्ध करने वाले प्लांट में भी ईंधन की जरूरत पड़ती है जैसे कोयला पेट्रोलियम आदि। शुरू से ही स्कूलो में खनिज सम्पदा विषय व उसके उपयोगिता के बारे में टीच कराया जाता है ताकि उसकी उपयोगिता को भावी पीढ़ी समझ सके।जिस तरह से आज हम पानी,प्राकृतिक संसाधन,शुद्ध हवा के लिए तरस रहे है उसी प्रकार से हमारा खनिज भंडार समाप्त होने के कगार पर है।
अभी हाल ही में कश्मीर में लिथियम का भंडार का पता चला है। लिथियम एक रासायनिक तत्व है। साधारण परिस्थितियों में यह प्रकृति की सबसे हल्की धातु और सबसे कम घनत्व-वाला ठोस पदार्थ है।हमारे बैटरी से चलने वाले वाहन में लिथियम का प्रयोग होता हैं।हमने बीते वर्षों में 73 प्रतिशत लिथियम चीन से आयात किया था। कश्मीर में पाये जाने वाला लिथियम भंडार हमारे लिए वरदान साबित होगा।
भविष्य में पैट्रोल डीजल से चलने वाला वाहन बन्द हो जायेंगे हमे बैटरी से चलित वाहन प्रयोग का उपयोग करना होगा जिसकी शुरुआत हो चुकी है। सन 2030 तक पूरी तरह बैटरी से चलने वाले वाहन सडको पर दौडने लगेगा।ऐसे में हमे लिथियम की जरूरत पड़ेगी। बताया जा रहा है कि कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का अनुमानित भंडार है।
ज्ञात हो कि भारत में, मांड्या रॉक माइनिंग (Mandya Rock Mining) के साथ, राजस्थान में सांभर, पचपदरा और गुजरात के कच्छ के रण की ब्राइन से भी लिथियम प्राप्त करने की कुछ संभावनाएं हैं।
धीरे-धीरे हमे ऊर्जा के विकल्प खोजने होंगे। नवीनीकरण स्रोतों से पुन: ऊर्जा प्राप्त करने होंगे। हवा पानी सूर्य के प्रकाश व प्लास्टिक से ऊर्जा या ईधंन प्राप्त करने नये खोज की तलाश करनी होगी।