चाय उबल रहा है,
पूरा देश जल रहा है।
हर व्यक्ति के ख्व़ाब,
कभी अधूरे होने की कसक,
तो नींद टूटने की सबक,
पांच नदियो का पंजाब,
जल रहा है।
चाय उबल रहा है,
पूरा देश जल रहा है।
ये वही राजनीतक दंगे,
अन्धे भिखमंगे व नंगे,
जनता की खून चूसकर,
हट्टे-कट्टे चंगा हो रहा है।
चाय उबल रहा है,
पूरा देश जल रहा है।
उन राक्षस का वध,
कब व कैसे करे,
बढ़ते चिंगारी को रोक ले,
जो अपने अन्दर पल रहा है।
चाय उबल रहा है,
पूरा देश जल रहा है।
धुआँ प्रदूषण आग,
पूरा दिल्ली ढक गयी,
पराली की इस आग से,
पूरा देश पिघल रहा है।
चाय उबल रहा है,
पूरा देश जल रहा है।
कृषि की खुशहाली,
नया तकनीक बचा पराली,
अपशिष्टों के निपटान पर,
पसीना छूट रहा है।
चाय उबल रहा है,
पूरा देश जल रहा है।
Save tree 🌲save earth🌏 &save life❤