इस दुनिया में कोई भी चीज स्थायी नहीं है। प्रतिपल अस्तित्व में परिवर्तन हो रहा है। यहा कुछ भी टिका नही है ;न ही कोई टिक पायेगा।केवल परिवर्तन को स्थायी मान सकते हैं। पेड़ो के पत्तो को देखो पहले कोमल पत्ते होते हैं फिर आगे बढ़ते जाते है और पीले होकर गिर जाते है।पहले हरा भरा था प्रसन्नता का माहौल था उसके आसपास तितली भौरे मन्डराते रहे कोयल कूकती रही कोई पथिक पंछी ने आराम भी किया ,किसी ने अपना घोंसला भी बनाया बड़े हरे भरे थे जीवन और आस पास के लोग भी प्रसन्न थे।कुछ बुद्धिजीवी लोग उसी के छाँव में अपना दिन गुजारते थे धीरे-धीरे परिवर्तन होना शुरु हुआ पथिक पंछी कुछ देर आराम कर उड़ गए और अपनी राह हो चले।भवरे अपना गीत गुनगुनाकर दुसरे फूलो की ओर मोहित हो गए और उस डाल को छोड़कर चले गए।समय का पहिया घूमता गया पत्ते जीर्ण हो गए गिरने के करीब थे ।जवानी जीकर मरने के करीब थे।बुद्धजीवी भी अब कहाँ समय बिताता है वो भी नदारद हो चले। अब उस पेड़ का आँगन में किलकारियां नही थी।परिवर्तन ही संसार का नियम है। सुख के बाद दुख आएगा।दुख के बाद सुख आएगा।ना सुख स्थायी है ना दुख स्थायी है।
यहाँ सभी चीजे बदल रही है।कुछ भी स्थायी नही है।आज की तुम्हारी पत्नी कल जैसी नही है।आज की पति कल का पति जैसा नही है। आज का तुम्हारा पुत्र कल जैसा नही है। बदल गया है हम प्रतिपल बदल रहे है और इस बदलाहट का हमे पता ही नही चलता है। हर पत्ते फूल,कली संसार का हर जीव प्रतिक्षण बदल रहा है।
जिस मकान में तुम रहते हो सोचो 10 से 15 साल पहले क्या था।क्या उसका अस्तित्व था। या कोई दुसरा उस पर निवास कर रहा था। नदी का पानी कब का बह चुका।जो पत्थर थे आज रेत बन गए। बचपन जवानी पार करते करते मृत्यु के कगार पर पहुंच गए। जो जन्म लिया उसकी मृत्यु निश्चित है। जिस पत्थर को ऊपर फेके हो वह नीचे आएगा।जिस बीज को तुमने बोया है उसकी फसल तुम्हे ही काटनी है।संसार नश्वर है यहाँ कुछ भी स्टेबल नही।
जरा विचारना मंथन करना ऐसा क्या लेकर जाओगे जिसे तुम ले जा सकते हो उस चीज की खोज करना उसी चीज की खोज करना जिसे तुम अपने साथ ले जा सकते हो उसी को पाने अपना पुरा जीवन दांव पर लगाना उसी को कलेक्ट करना जो मृत्य पार तुम्हारे साथ जवेगा।तुम्हारे संग चलने को तत्पर तो कई लोग होंगे पर क्या तुम उसे अपने साथ ले जा सकते हो।
Save tree🌲 save earth🌏 & save life💙