यादे हल पल की
खुशी व गम की।
सुकून पाए उन
कच्चे मकानो की,
भीगते बारिश में
उमड़ते उमंगो की,
तूफानो के संग खेलते
उन हवाओ की,
यादे हल पल की
खुशी व गम की।
कीचड़ भरे रास्तो में
नंगे चलते कदमो की,
खेल में संगी साथी के
हार व जीत की,
माँ की गोद में बिताये
उन हसीन पलो की,
यादे हर पल की
खुशी व गम की।
उत्सव मनाने के पहले
मचलती पुलक की,
गली मुहल्ले में बहकती
उन आवारा पन की,
अपने बच्चे को संवारती
चिड़ियों के घोसले की,
यादे हर पल की
खुशी व गम की।
नभ की ओर उठाये
आँखो में तैरते सपनो की,
बुढापे में याद आती
उन अमूर्त यादों की,
दिल में अहसास कराती
बजती हर तरंग की,
यादे हल पल की,
खुशी व गम की।