नई दिल्लीः सिखों के सबसे पवित्र धर्मस्थल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के लिए खास डिजाइन और बड़े आकार की घड़ियां बनाने से भारतीय कंपनियों ने हाथ खींच लिए। मगर विदेशी कंपनी ओमेगा ने खुशी-खुशी न केवल निर्धारित साइज की घड़ी बनाईं बल्कि रुपये लेने से भी इन्कार कर दिया। पूरे 70 लाख रुपये की घड़ी मुफ्त दान कर दी। जिस विदेशी श्रद्धालु ने घड़ी का ऑर्डर दिया था, वह भी विदेशी कंपनी की यह दरियादिली व श्रद्धाभाव देख दंग रह गए।
ओमेगा कंपनी ने बनाईं सात घड़ियां
स्विटजरलैंड में रहने वाले स्विंदरपाल सिंह व उनकी टीम की गोल्डेन टेंपल को घड़ी दान करने की इच्छा थी। इसके लिए उन्होंने कई भारतीय घड़ी निर्माता कंपनियों से संपर्क किया। मगर निर्धारित नाम की घड़ी बनाने में सबने हाथ खड़े कर दिए। आखिरकार सिंह ने स्विस कंपनी ओमेगा से संपर्क किया और कहा कि चाहे जितना पैसा लगे हम देंगे मगर निर्धारित नाप और डिजाइन की घड़ी स्वर्ण मंदिर के लिए बना दीजिए। इस पर कंपनी ने ऑफर स्वीकार कर लिया। ओमेगा ने घड़ी बनाई तो जब स्विंदरपाल सिंह लेने पहुंचे तो कंपनी ने एक भी रुपये लेने से इन्कार कर दिया। यह देख स्विंदरपाल सिंह दंग रह गए। सभी दस घड़ियों की कीमत कुल 70 लाख रुपये है। यानी एक घड़ी की कीमत सात लाख रुपये। यही नहीं ओमेगा कंपनी ने स्विंदरपाल सिंह से कहा कि वह स्वर्णमंदिर जाकर घड़ियों को कंपनी की तरफ से भेंट करें। फेसबुक पर जसप्रीत सिंह ने इस वाकये की जानकारी दी है।