नई दिल्लीः डॉ. सीमा राव। देश की पहली महिला कमांडर। यूं तो यही परिचय इस भारतीय शेरनी के लिए काफी है। मगर बहादुरी को बयां करने वाले हर शब्द भी इनके लिए कम पड़ जाएंगे। देशभक्ति के प्रति असीमित जोश और जज्बे से सीमा भरी हुई हैं। महिला मार्शल आर्ट की सबसे कठिन सात डिग्री ब्लैक बेल्ट चैंपियन इस शेरनी के जीवन का एक ही लक्ष्य है-भारतीय सेना में जबांज योद्धाओं की 'फौज' खड़ी करना। पिछले 20 साल में ट्रेनिंग से सीमा ने हजारों कमांडो सेना को दिए हैं। सीमा की ओर से तैयार कमांडो कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को धूल चटा चुके हैं। खास बात है कि सीमा का काम ट्रेनिंग देना नहीं है, फिर भी वे एक रुपया लिए बिना भरतीय सेना को कमांडो की ट्रेनिंग दे रही हैं। क्योंकि यह इस बहादुर बाल का शगल है। दुनिया में मार्शल आर्ट की सबसे कठिन सर्टिफिकेट होती है 'जीत कुने दो'। अब तक यह सर्टिफिकेट दुनिया की जिन 10 महिलाओं ने हासिल किया है, उसमें एक नाम भारत की इस बहादुर महिला डॉ. सीमा राव का भी है।
सेनानी की बेटी हैं सीमा
सीमा को घर में देशभक्ति का माहौल विरासत में मिला है। उनके पिता प्रो. रमाकांत सिनारी स्वतंत्रता सेनानी रह चुके हैं। बचपन से सेना के लिए काम करने का संपना सीमा ने संजोया था। इसके लिए वह मार्शल आर्ट 12 साल की उम्र में ही सीखना शुरू कर दिया। उस दौरान हम उम्र दीपक राव से दोस्ती हुई। दीपक राव बाद में सेना में मेजर हुए। दोनों ने बाद में शादी की। इसके बाद उन्होंने शूटिंग सहित तमाम तरह के सैन्य व कमांडो प्रशिक्षण लिए। पति-पत्नी ने एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद लॉ और आपदा प्रबंधन की डिग्री ली।
समर्पण ऐसा कि गर्भवती न होने का फैसला किया, बच्ची को लिया गोद
सेना के कमांडोज की ट्रेनिंग में कहीं बाधा न पड़े। रुकावट न उत्पन्न हो। इस नाते सीमा राव ने बच्चे न पैदा करने का फैसला किया। गर्भ धारण न करने के फैसले में पति की भी सहमति रही। सीमा ने पति के साथ मिलकर बच्चे की कमी को पूरा करने के लिए एक बच्ची को गोद लिया है। इस वीर नारी के अंदर देशभक्ति इस कदर कूट-कूटकर भरी है कि कई बार ट्रेनिंग देते हाथ-पांव में फ्रैक्चर हो गए, मगर उत्साह ठंडा नहीं हुआ। अस्पताल से महीनों के इलाज के बाद स्वस्थ होते ही दोगुनी उत्साह से ट्रेनिंग देना चालू कर देती हैं।
पति के साथ मिलकर की बनाई अकादमी
सीमा ने पति दीपक राव के शात अनआर्मर्ड कमांडो कोम्बेट अकादमी की नींव डाली। यह देश में सेना के जवानों को प्रशिक्षण देने के साथ उन्हें सैद्धांतिक शिक्षा भी देती है। अकादमी ने सैन्य प्रशिक्षण को लेकर अब तक सात किताबें प्रकाशित की हैं। जिसका उपयोग भारतीय सेना के अफसर सेना को जानने-समझने के लिए करते हैं। इसमें से एनसाइक्लोपीडिया ऑफ क्लोज कोम्बेट ऑप्स नामक किताब को एफबीआई और इंटरपोल जैसी सुरक्षा एजेंसियों ने अपने पुस्तकालय की शोभा बढ़ाने में उपयोग कर रहीं हैं।
सीमा ने आर्मी की हर यूनिट को ट्रेंड किया
पति मेजर दीपक शर्मा के साथ सीमा राव ने आर्मी की हर यूनिट को ट्रेनिंग दी। इसमे आर्मी आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से लेकर, एनएसजी, कैट्स, गरुड़, पैरा कमांडोज, बीएसएफ व आर्मी के कमांडों विंग आदि शामिल हैं। बहादुरी के लिए सीमा को यूएस प्रेसीडेंट वोल्यूटीयर सर्विस अवार्ड के साथ मलेशिया में वर्ल्ड पीस कांग्रेस में वर्ल्ड पीस अवार्ड मिल चुका है।
बना चुकी हैं फिल्म
सीमा राव मार्शल आर्ट पर हाथापाई नामक फिल्म बना चुकी हैं। यही नहीं वे स्कूबा डाइवर, मिजेस इंडिया वर्ल्ड की फाइनलिस्ट भी रह चुकी हैं।