मैंने पटना के बहुत से जगहों के बारे में बता रहा हु
“
आज लालटेन बुझाय गए,
और टायर जलाये गए..
गलियो और चौराहों में..
“मेरी मांगे पूरी करो”
के नारा लगाये गए....
ना जात दिखा ना दिखा धर्म,
ये अच्छी बात है..
लोग तो आय थे भारो पे,
ये सच्ची बात है..
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मै कुछ लोगो से पूछा जी आपकी मांगे क्या है तो उनका जवाब आया ‘’’’मुझे क्या मालूम हमे तो बस यही बोलना है’’’’’
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बिहार की बंदी में बस के ऊपर से,
“होश में आओ” की नारा लगाई गई..
अपमान मान-मर्यादा सब भूल चुके है,
कही अपमाजन बाते सुनाई गई..
सुसाशन तो बस मजाक बना रहा..
यही अपनी बिहार की छवि दिखाई गई....
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मै देखा चलती बस के ऊपर बैठे लोग चिल्ला रहे थे “होश में आओ...होश में आओ” अब आप ही बताइय किसे होस में आना चाहीय.....
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आज पूरा सहर सुनसान परा,
आटो, रिक्सा और ऑफिस बंद रहा..
लालू-राबड़ी और लालटेन के झंडे सिर्फ दिखे..
आज लालटेन बुझाय गए,
और टायर जलाय गए....
"
लेखक:-राजीव रंजन सिंह “राजपूत”
Date:-27-07-2015, 01:45PM
राजीव जी, ये ठीक है कि हर किसी को अपनी बात कहने का हक़ है लेकिन हिंसा किसी भी समस्या का कोई हल नहीं है I ईश्वर हिंसा करने वालों को सद्बुद्धि प्रदान करे !