नई दिल्ली : देश में नोटबंदी के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने 500 और 1000 रुपये की जुटाई नोटों को नोएडा के दो चैनलों में खफा दी है. लेकिन मायावती के यह नोट अब उन दोनों चैनलों के मालिकों के लिए खतरे की घंटी बन गए हैं. जिसके चलते आने वाले दिनों में इन चैनलों के मालिकों को अपने कर्मचारियों को वेतन बांटने के लाले पड़ सकते हैं.
माया की दो चैनलों में साझेदारी
सूत्रों के मुताबिक बसपा सुप्रीमो मायावती की इन दोनों चैनलों में 50 % की साझेदारी बताई जाती है. जिसके चलते बसपा नेत्री ने अपने कालेधन का पैसा इन चैनल मालिकों को कर्मचारियों को वेतन बांटने के लिए थमा दिया है. जिसके चलते अब इन चैनलों में काम करने वाले कर्मचारियों को अपने वेतन का संकट नजर आने लगा है. बताया जाता है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट देकर मोटी कमाई की थी, लेकिन अचानक नोटबंदी के हुए ऐलान के बाद से उनके हाथपांव फूल गए.
माया लगीं कालेधन को सफ़ेद करने में
इसलिए दूसरे ही दिन बहनजी ने अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को अपने आवास पर बुलाकर उनसे टिकट के नाम पर उगाही की गयी करोड़ों की धनराशि वापस कर दी. बीजेपी प्रवक्ता आईपी सिंह की मानें तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी का टिकट प्रति कंडीडेट करीब 2 से 3 करोड़ रुपये में बेचकर मोटी रकम कमाई थी. यही नहीं अपने बर्थडे के नाम पर भी उन्होंने पार्टी के विधायकों और जिलाध्यक्षों से 20 - 20 लाख रुपये की उगाही कर अरबों रूपया जमा किया हुआ था. बताया जाता है कि अब आयकर विभाग की आईटी सेल ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
चैनल में काम करने वालों पर मंडराया संकट
सिंह का आरोप है कि मायावती के पास अभी भी बहुत धन बचा हुआ है. वह इस कालेधन को सफ़ेद करने के लिए एड़ी चोटी किये हुए हैं. इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी कि नोटबंदी को लेकर विपक्षी पार्टियां उनकी इस नीति के खिलाफ हंगामा कर रही है. इधर मायावती ने अपनी काली कमाई का पैसा नोएडा स्थित दो चैनलों में लगाया हुआ है. इन चैनलों के कर्मचारियों को प्रतिमाह दिए जाने वाले वेतन को लेकर उन्होंने अपने हिस्से में इस बार वही पुरानी नोटें भेज दी हैं, जिनका चलन बाजार में बंद हो चुका है.
आईटी सेल ने शुरू कर दी जांच
बहरहाल करोड़ों की इस रकम को चैनल के कर्मचारी भी लेने को तैयार नहीं दिख रहे हैं. जिसके चलते कर्मचारियों को अब अपने वेतन को लेकर खतरे की घंटी बजती हुई दिखाई दे रही है. उधर आयकर विभाग की आईटी सेल ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है. जांच से जुड़े एक अफसर ने इस बात का खुलासा तो नहीं किया कि कितनी रकम है, लेकिन उन्होंने 'इंडिया संवाद से बात करते हुए इतना जरूर बताया कि ये धनराशि करोड़ों रुपये में है.