नई दिल्ली: आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली सर्विस टैक्स को बढ़ा सकते हैं। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट के बाद बाहर खाना, फिल्में देखना, हवाई यात्रा और मोबाइल बिल महंगे होने की पूरी संभावना बताई जा रही है। सूत्रों कि मानें तो वित्त मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सर्विस टैक्स में 0.5 से एक प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। वर्तमान में दो सैस को मिलाकर 15 फ़ीसदी सर्विस टैक्स वसूला जाता है। रिपोर्ट के अनुसार कहा गया, ”सरकार सर्विस टैक्स बढ़ा सकती है ताकि जीएसटी में बाधा ना हो।” गौरतलब है कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स(जीएसटी ) को लागू करने की समयसीमा कई बार टाली जा चुकी है। अब इसे एक जुलाई से लागू होने की बात कही जा रही है।
वित्तीय वर्ष 2016-17 में सरकार को 2.31 लाख करोड़ रुपये सर्विस टैक्स से मिले थे। पिछले दो सालों में सर्विस टैक्स में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। 2015-16 में इसे 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया था। बाद में इसमें 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत सेस लगाया गया था। फिर इसी वित्तीय वर्ष में 0.5 प्रतिशत कृषि कल्याण सेस भी जोड़ दिया गया जिससे सर्विस टैक्स बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया। सेवा देने वाली कंपनियां या संस्थान सर्विस टैक्स वसूलते हैं। इससे आने वाली रकम सरकार के पास जाती है। हालांकि कुछ सेवाओं पर सर्विस टैक्स नहीं लगता है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली आगामी बजट में राशन की दुकानों से सस्ती चीनी बेचने के लिये राज्यों को दी जाने वाली 18.50 रुपए प्रतिकिलो की सब्सिडी समाप्त कर सकते हैं। इससे करीब 4,500 करोड़ रुपए की सब्सिडी बचेगी। सूत्रों के अनुसार, केन्द्र का कहना है कि नये खाद्य सुरक्षा कानून में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों के लिये किसी तरह की कोई सीमा नहीं रखी गई है।
माना जा रहा है कि राज्य सरकारें सस्ती चीनी का अन्यत्र भी उपयोग कर सकतीं हैं। मौजूदा योजना के मुताबिक राज्य सरकारें राशन की दुकानों से चीनी की सरकार नियंत्रित मूल्य पर आपूर्ति करने के लिये खुले बाजार से थोक भाव पर चीनी खरीदतीं हैं और फिर इसे 13.50 रुपए किलो के सस्ते भाव पर बेचतीं हैं। दूसरी तरफ राज्यों को इसके लिये केन्द्र सरकार से 18.50 रुपए प्रति किलो के भाव पर सब्सिडी दी जाती है। यानी आने वाला बजट आपकी जेब में भारी सेंध लगाने की तैयारी में है।