नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी ख़ुफ़िया जांच एजेंसी सीबीआई के डायरेक्टर अनिल सिन्हा का कार्यकाल बीते महीने समाप्त हो चुका है लेकिन केंद्र सरकार को नया सीबीआई डायरेक्टर चुनने में लगता है कोई दिलचस्पी नही है। वैसे भी सीबीआई के पास काम की कमी नही है। सरकार ने फिलहाल गुजरात कॉडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को फिलहाल सीबीआई के अंतरिम निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन अस्थाना के चयन को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है। एक एनजीओ कॉमनकाज' ने सुप्रीम कोर्ट ने इस चयन को लेकर याचिका दायर की है।
इसमें याचिका में आरोप लगाया गया है कि अस्थाना को सीबीआई निदेशक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने दुर्भावनापूर्ण, मनमाने और अवैध तरीके से एक के बाद एक कई कदम उठाए। दावा किया गया है कि सरकार ने चयन समिति की बैठक भी नहीं बुलाई जबकि उसे पता था कि दो दिसंबर को अनिल सिन्हा निदेशक पद से रिटायर हो रहे हैं। गौरतलब सीबीआई के निदेशक को चुनने वाली कमेटी में विपक्ष के नेता, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और प्रधानमंत्री होते हैं।
सीबीआई निदेशक की दावेदारी में सबसे आगे रहे विशेष निदेशक आरके दत्ता को गृह मंत्रालय में विशेष सचिव के रूप में भेजने के बाद गुजरात कॉडर के 1984 बैच के अफसर अस्थाना काे दो दिसंबर को अतिरिक्त निदेशक बनाकर निदेशक का प्रभार दे दिया गया था। जिन नामों का जिक्र नए सीबीआई डायरेक्टर के रूप में हो रहा है वो ये हैं।
कृष्णा चौधरी-
सूत्रों की माने तो मोदी सरकार में एक वरिष्ठ मंत्री कई समय से कृष्णा चौधरी को सीबीआई डायरेक्टर बनाने की शिफारिश कर रहे हैं। कृष्णा चौधरी बिहार कैडर के 1979 बैच के आईपीएस अफसर हैं और पहले भी सीबीआई में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं। हालाँकि पिछले बार भी उनका नाम दौड़ में था लेकिन सेलेक्ट नही किया गया। कृष्णा चौधरी अगले साल रिटायर होने वाले हैं इसलिए उनकी सीबीआई डायरेक्टर बनने की संभावना से इनकार नही किया जाए सकता।
रुपक कुमार दत्ता-
ये कर्नाटक कैडर के 1981 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वह वर्तमान के सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर हैं। कुमार कांग्रेस के करीबी माने जाते हैं। सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर की डायरेक्टर की बनने की संभावना अधिक रहती है। इससे पहले अनिल सिन्हा भी सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर थे।
सतीश माथुर -
महाराष्ट्र के डीजीपी सतीश माथुर महाराष्ट्र कैडर 1981 बैच के अफसर हैं। ख़बरों के अनुसार उनका नाम मोदी सरकार में महाराष्ट्र से आए ताकतवर मंत्री ने सुझाया है। माथुर की देख-रेख में ही 1993 के मुंबई बम धमाकों की जांच हुई थी, इसलिए उनके पास सीबीआई का तजुर्बा भी है। आरएसएस की पहली पसंद माथुर बताए जाते हैं।
आलोक वर्मा -
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा 1979 बैच के यूनियन टेरिटरी कैडर (एजीएमयूटी कैडर) के अफसर हैं। दिल्ली पुलिस के चीफ के तौर पर इनके काम से सरकार खुश है। हालाँकि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे इनका नाम रोक सकते हैं। जिस तरह से पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी को एक दिन में दो बार हिरासत में लिया उससे दिल्ली पुलिस के चीफ की कांग्रेस पार्टी में रिपोर्ट काफी खराब है। पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा बीजेपी चीफ अमित शाह की पहले पसंद बताये जाते हैं।