नई दिल्ली : उत्तरप्रदेश की योगी सरकार जहाँ अवैध कत्लखानों पर शिकंजा कसकर भैंसों की ज़िन्दगी बचा रही है वहीँ छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार अपने राज्य पशु वन भैंस को विलुप्त होने से बचाने की लड़ाई लड़ रही है। अब हालात यह है कि छ्त्तीसगढ़ में अब इनकी दर्ज संख्या आठ बची है। समाचार एजेंसी एएनआई की माने तो अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि गायों की हत्या करने वालों को फांसी पर लटका दिया जाएगा। यह जवाब उन्होंने तब दिया जब रमन सिंह से पूछा गया कि क्या छत्तीसगढ़ में भी गोहत्या के खिलाफ कोई कानून बनेगा।
छत्तीसगढ़ में अब वन भैंसों को सुरक्षित घेरे में रख कर उनका प्रजनन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। लेकिन उसमें भी समस्या यह है कि मादा केवल एक है और उस मादा पर भी एक ग्रामीण का दावा है, कि वह उसकी पालतू भैंस है। खैर ग्रामीण को तो मुआवजा दे दिया गया पर समस्या फ़िर भी बनी हुई है।
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मादा केवल नर शावकों को ही जन्म दे रही है, अब तक उसने दो नर बछ्ड़ों को जन्म दिया है। पहले नर शावक के जन्म के बाद ही वन अधिकारिय़ों ने मादा शावक के जन्म के लिये पूजा पाठ और मन्नतों तक का सहारा लिया। और तो और शासन ने तो एक कदम आगे जाकर उद्यान मे महिला संचालिका की नियुक्ति भी कर दी, ताकि मादा भैंस को कुछ इशारा तो मिले, पर नतीजा फ़िर वही हुआ मादा ने फ़िर नर शावक को ही जन्म दिया।
वहीँ अब छत्तीसगरह सरकार असम से यहाँ भेंसे शिफ्ट करने की सोच रही है। बीबीसी के अनुसार फ़िलहाल छत्तीसगढ़ सरकार भैंसों का गोबर इकट्ठा करके इनके वंश को सुधारने की वै ज्ञान िक कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए राज्य के वन विभाग का अमला पशु वैज्ञानिकों के साथ असम के जंगलों की ख़ाक छान रहा है