भाग (4)💞💞💞💞💞
कुनाल ने हाय भेजी.....! है
पर नबंर कैसे पहुँचा कैसे...? लेकिन इस सवाल को साइड करते हुए वो भी हाय....!! लिख भेजती है और फोन साइट रखकर काम पर लग जाती है
काम खत्म होने के बाद वे दोनों घर के लिए चल दीं
छवि ने खुशी को घर छोड़कर अपने घर चल दी ख़ुशी ने रोकना भी चाहा लेकिन छवि ने कॉलेज के काम का हवाला दिया, और हाथ हवा में हिलाकर आगे निकल गई।
घर आते ही बैग पटक कर वो धमक कर बैड पर जा गिरी, फिर भारी मन से उठकर कपड़े बदने चली गई हाथ -मुँह धोकर अपने लिए उपमा बनाने लगी, चखकर देखा तो तबियत खुश हो गई खाते ही छवि को मां की याद आ गई क्योंकि मां के हांथो का स्वाद जो आ गया था ,
कुछ देर बाद किताबों में सिर मारने वाली थी कि मन फोन पर टिक गया , उसने वॉट्सप खोल कर देखा लेकिन फिर कुछ भी नहीं कहा कुनाल ने,
अजीब है ...! हाय की और जब मैं की तो नो रिप्लाई ....... भी नहीं दिया बत्तमीज,,,,!! फोन पटक कर छवि करवट बदल कर सोने लगी लेकिन नींद नहीं आ रही थी क्योंकि सारा दिमाग ये ही सोचे जा रहा था आखिर उस ने ऐसा क्यों किया....? कन्हि गलती से तो नहीं सेंड हो गया मेरे पास , और जब मैं ने हाय बोली तो उसने इग्नोर किया क्योंकि सुबह मैं ने भी तो उसे किया था...!
ये सोचते -सोचते छवि की आँख कब लगी उसे खुद याद नहीं।
अगले दिन कुनाल उसे कॉलेज के गेट के पास मिला छवि उसे देखकर अनदेखा करना चाह रही थी लेकिन न कर सकी कुनाल ने पास आ कर कहा" हाय कैसी हो..?
जैसी दिख रही हूं वैसी ...!!छवि ने तीखे स्वर से कहा
तो गुस्सा क्यों हो रही हो।
छवि ने बात बदलते हुए कहा" मुझे अंदर जाना है,
ओके...!! शाम को जी.ये.कैफे में मिलेंगे कुनाल ने कहा लेकिन छवि ने ये सुनकर कोई उत्तर ही नहीं दिया,
और अंदर चली गई, अच्छा छवि कुछ तो बोलो तुम आओगी या नहीं...?
छवि ने ऊपरी मन से नहीं- नहीं कह दिया कुनाल मुँह
मसोक कर चला गया,
लेकिन छवि को बड़ा अच्छा लगा
शाम होते ही छवि जी .,ये कैफे में पहुँची जहाँ उसे कुनाल नहीं मिला ये देख छवि गुस्से से लाल होने वाली थी कि कुनाल दूसरे गेट से अंदर आता दिखा ,
छवि के उखड़े मन को सुकून मिला,
कुनाल ने छवि को देख लिया तो उसके लटके चेहरे पर मुस्कान आ गई, पास आकर उसने छवि से कहा"मुझे पता था तुम जरूर आओगी लेकिन इतनी लेट आओ गीं ये नहीं पता था,
क्या लोगी ..कुनाल ने चेयर पर बैठते हुए पूछा छवि से कहा" मुझे कोल्ड कॉफी चलेगी ,
ठीक है मुझे भी पसन्द है, कुनाल ऑडर दे देता है
एक बात तो है गुस्सा बेशक क़रतीं हो लेकिन मान भी जाती हो ये बहुत अच्छी अदा है, तुम्हारी ..! लो कॉफी भी आ गई छवि ने कॉफी को उठाया और एक नजर से कुनाल को देखने लगी उसने देखा कि कुनाल उससे मिलकर कितना खुश हैं ये देखकर छवि भी मन ही मन खुश हो गई
"अच्छा तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है कुनाल ने जल्दबाजी से पूछा"
छवि ने मौके का फायदा उठाते हुए कहा" हां है कॉलेज का ही है जैकी नाम का है,
छवि की बात सुनकर कुनाल के पैरों से जमीन खिसक गई, उसे सब बेकार लगने लगा आध घंटा बड़ी मुश्किल से कटा ।
ओके अब हमें चलना चाहिए मुझे भी ऑफिस में काम है तो....! वैसे कॉफी बहुत अच्छी थी
छवि ने देखा कि जब से उसने बॉयफ्रैंड का नाम लिया तब से कुनाल भाव बदल गए थे,
कुनाल तेज कदमों से बाहर आ गया छवि ने कुनाल की बेचैनी समझ ली थी,
अच्छा छवि चलते हैं तुम चाहो तो मैं तुम्हें ड्रॉप कर दूँ
नो थेंक्स...!!मैं स्कूटी पर आई हूँ छवि ने अपनी स्कूटी चाबी घुमाते हुए कहा" वैसे मेरा कोई बॉयफ्रैंड नहीं है क्योंकि मुझे तुम्हारें जैसा कोई पागल मिला नहीं, छवि ये कह कर स्कूटी पर सवार होकर चली गई।
कुनाल भारी मन किये गाड़ी में बैठ गया और छवि के कहे शब्द दोहराने लगा तो उसके सपाट चेहरे पर एक मुस्कान फैल गई थी कुनाल ने मन मे कहा" इसका मतलब हां बोल कर गई है , कुनाल नी रोमांटिक गाना चालू किया और गाड़ी सड़क पर धीमे-धीमे चलने लगी.।