भाग(10)
जैकी और छवि दोनों एक साथ कुछ समय बिताने लगे, कॉलेज के बाद छवि अपने कामों में ज्यादा व्यस्त हो जाती वो दिल की बातें खुशी से ही शेयर करती ।
जैकी उसे जब मिलता बहुत अच्छे जोक सुनाता , लेकिन बड़ी मुश्किल से छवि को एक या दो ही जोक पर ही हँसी आती, लेकिन जब भी हँसती तो दिल खोल कर, और फिर शांन्त हो जाती।
जैकी का मन खुश हो जाता क्योंकि छवि उसकी हर बात को गौर से सुनती जैकी ने बताया, कि उसकी बचपन मे नाक में चोट लग गई थी खून लगातार बह रहा था बड़ी मुश्किल से उपचार हुआ ।
" जरूर तुम मुक्का-मुक्की कर रहे होंगे..?
हाँ तुम को कैसें पता..?जैकी ने आश्चर्यता से पूछा"
", क्योंकि तुम्हरी नाक की चोट की बात सुनकर लगा कि किसी ने मुक्का ही दिया होगा
जैकी ने हाँ में जबाब दिया
रात के अंधेरे में रोड पर यूँही चलते-चलते दोनों अपने-अपने बचपन की बातों को शेयर कर रहे थे, जैकी ने भी पूछा" ये तुम्हारें। गाल पर हल्का दाग कैसे है..?
"ये न हम बचपन में कच्चे आम खाते थे उसका रस लग गया फुसनी सी हुई और फिर यहाँ ये दाग बन गया ।
बहुत ट्रीटमेंट लिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, छवि ने अफसोस करते हुए कहा,
अच्छा ही हुआ जैकी ने धीमे स्वर से कहा लेकिन छवि ने सुन लिया,
क्या कहा..???????"
कुछ नहीं वो ,,,,,,, अशल में ये दाग अच्छा लगता है अगर ठीक हो जाता तो थोड़ी सुंदरता कम हो जाती ,।
छवि को पता था कि जैकी उससे फ्लर्ट कर रहा है लेकिन तारीफ किसे पसन्द नहीं होती और कोई दाग की तारीफ करता है,?
छवि ने लेकिन खुशी चेहरे पर जाहिर नहीं होने दी।
दोनों एक दूसरे को जानने लगे थे।
छवि ने जैकी को हिदायत दी कि वो एग्जाम पर ही ध्यान देना चाहती है इस लिए उसे किसी भी तरह का डिस्टर्ब नहीं चाहिए जैकी भी मायूश होकर मान लेता है छवि अपने रिजेलट में कोई खोट नहीं चाहती थी।
कुछ दिनों के इंताजर के बाद परीक्षा की घड़ी आ ही गई सभी छात्रों के दिल की धड़कन तेज हो गई थीं।