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छवि का सैट होना

24 जून 2022

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भाग (11)💞💞💞💞💞
   छवि ने  पूरी लगन और   मेहनत से  अपने  फाइनल एग्जाम दिए  छवि के चेहरे की मुस्कुराहट से पता चलता है कि  वो अपने  सुखद परिणाम की   कामना कर बैठी थी।

जैकी ने भी   खूब    मेहनत से    पेपर्स  दिए  छवि  की हिदायत के अनुसार  जैकी ने छवि से  बात  नहीं कि  बस हाय..!हैलो..!!ही हो  रही   थी  बहुत  दिनों की  मेहनत रंग लानी वाली थी,  सभी दिल थामे  अपने-अपने   रिजेलट का इंतजार करने लगें थे।

    छवि  ने जैसा सोचा उससे  अधिक  अच्छा परिणाम   पाया,  घर  पर ये बात  बताई तो सभी हर्षित हुए, सभी एक दूसरे को बधाई दे रहे थे  जैकी ने भी खुश होकर छवि को बधाई देते हुए कहा"  बधाई हो, छवि तुम तो  छा गईं, छवि  ने भी  पलट कर  जैकी को  बधाई देते हुए कहा"तुम  को भी बहुत -बहुत बधाई, तो  अब  क्या सोचा है जैकी ने दिल थाम कर पूछा,
छवि ने  एक सुखद  सांस लेते हुए कहा" ये ही एक अच्छी सी   जॉब  करके    अपने फोटोग्राफी  के शौक को पूरा करना है,
जैकी की आई हँसी चली गई  क्योंकि जैकी ने   स्वार्थ की  झालर  बुन ली थी छवि   एक  रोमांचित जीवन जीना   चाहा रही थी क्योंकि उसने महसूस किया  कि  जब तक  दुनियाँ नहीं देखी तब तक कुछ नहीं।

     छवि को   पास  होते देख  ख़ुशी ने   बहुत खुशी जाहिर की और  एक छोटी सी पार्टी भी दी छवि ने मना भी किया  लेकिन खुशी के पास तो बहुत बहाने थे छवि को  शांन्त करने के  ।

  जैकी  अब  छवि के साथ  समय  ज्यादा से ज्यादा   गुजारना चाहता था लेकिन छवि  कोई न कोई बहाना बना ही देती   हालांकि  छवि को जैकी का साथ अच्छा लगता लेकिन वो   उसकी  गहराइयों में नहीं जाना चाहती थी  आज भी जैकी   उससे बात करते हुए उसके बेहद करीब आ गया  कि    सासों की आवाज सुनाई दे रही थी जैकी     मदहोश  होने लगा छवि  ने  खुद को सम्भालते    हुएकहा"मुझे कुछ काम है   मैं  फिर मिलती हूँ।

जैकी   ने  गुस्सा करना चाहा लेकिन  वो  फिर से रह गया छवि  तेज कदमों से आगे निकल गई,  कमरे  में आते ही दरबाजे को बंद  कर लेती है  और दोनों हाथों से  सिर पकड़के बैठ जाती हैं।

  सिर जैसे फटा जा रहा हो कुनाल के साथ  बिताए गए  समय को वो भूल नहीं पाती वो फिर से  कुछ ऐसा नहीं करना  चाहती जो उसे  तोड़े     ये भले ही  कुनाल के लिए मजाक था लेकिन छवि ने   मन  से सब  स्वीकारा  था  इसलिए छवि डरती है  जैकी  के बेहद करीब आने से,  पता नहीं कन्हि जैकी भी   कुनाल की तरह चला गया तो  मैं   कुछ नहीं कर पाऊँगी।

  समय  बीतने लगा  छवि जैकी से मिलती  इधर उधर की बातों के बाद  वो  चल देती,  छवि ने   अब जॉब पर फोकस किया  था बहुत मेहमत  के बाद  छवि को एक अच्छी जॉब मिल गई  सैलरी  भी  अच्छी थी  , छवि ने सोचा क्यों न घर पर ही  घूम   लिया  जाए।

छवि   ने  कुछ सामान   पैक किया और घर की  ओर  निकल गई,  दिल्ली से   मानपुर    का सफर छवि के लिए सुखद था घर आते ही सभी के चेहरे खिल गए।

" वाह ये होती है मेहनत  तुम ने   कमाल कर दिखाया जो तुम ने ठाना, कर दिखाया   छवि के माता -पिता ने छवि का मांथा चूम लिया।

घर  के बाद  छवि अपने पुराने   दिनों को  ताजा करने  के लिए  मानपुर  निकल गई कुछ बदला नहीं था लेकिन हाँ विकाश हो गया था   बड़े-बड़े मॉल   भी बन गए थे।    उसके समय मे     सिर्फ  पाँच  स्कूल थे लेकिन अब   स्कूलों  की संख्या  भी बहुत हो गई थी। छवि    के  मन मे एक चैन था ये सब  बदलता देखकर ।

  छवि को घर आए सप्ताह बीत गया , समय को देखते  हुए   छवि  की माँ ने छवि से   प्रेम पूर्वक कहा"  हम ने    तुम्हारी  शादी की बात की है  तुम हाँ करो तो आगे   बात की जाए,
   छवि ने  कुछ  देर बाद कहा" मम्मी! अभी कुछ   दिनों के बाद बात करते हैं इस  पर, 
छवि ने  ये कहकर सिर झुका लिया ,
  माँ ने आँखों में झांक कर  कहा क्या कोई  पसन्द कर लिया है  छवि  के शरीर मे एक     करेंट   दौड़ गया,   एक बार को लगा कि वो  कह दे कि हाँ कर लिया है लेकिन  मन के द्वंद के कारण उसने    मना कर दिया। 
छवि ने कुछ समय और बिताया  भाई से  कुछ प्रेम भरी नोंक -झोंक भी की  जिससे  बचपन की याद ताजा हो  रही थी अपने दोनों  बच्चों को   हँसता -खेलता देख  माता- पिता  बहुत  अच्छा  महसूस कर रहे थे।

छवि ने फिर से  दिल्ली जाने के लिए बैग  कस लिया था, मां ने कुछ और समय  रुकने को कहा भी लेकिन  काम का हवाला देते हुए छवि  ने  जाने की बात  कही  छवि ने फिर से एक  सफर तय  कर लिया ।

आते ही जैकी ने    पूछा "तुम घर  गई थी तो   बताना था न  मुझे खुशी से पता चला , 
"तुम को भी बताया था जब तुम मॉल में   निधि  के साथ  शॉपिंग कर रहे थे छवि ने   आँखों  को तानते  हुए कहा,
"ओह.." पर तुम्हें कैसे पता,?
"पता चल जाता है जैकी ..!!
"वो    ऐसे ही चला गया  था मैं   सॉरी  अब ऐसा नहीं होगा जैकी ने  मासूमियत से कहा,
छवि ने      माफ कर दिया।

जैकी की भी  जॉब लग गई थी छवि की भी अब  शाम  का ही  समय होता    बात करने के लिए  उस पर भी   कोई काम आ जाने पर वो भी नहीं हो पाता   इस व्यस्त जीवन मे    समय का पहिया घूमने लगे था।

   खुशी  की शादी का समय भी पास आ गया था छवि बचे समय मे    खुशी के साथ शादी की तैयारी  क़रतीं  ।

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  नमस्कार 🙏   मित्रों      इस  शब्दडॉट इन पर मेरी ये  पहली   कहानी है    इस कहानी का आधार   रोमांटिक ,और सामाजिक, प्रेम   है     प्रिय पाठकों को समझ आने वाली  सीधी-सरल  भाषा का  प्रयोग किया गया है   ताकि  वे   कहानी से जुड़ाव  महसूस कर सकें,  कहानी(लव  लाइफ)   आधुनिक आधार पर लिखी गई  है  इस कहानी के पात्र कन्हि न कन्हि  निजी जीवन  से जुड़े हुए लगते हैं  इस कहानी के  मुख्य  पात्र  छवि और  वैभव है  वैभव छवि के बिखरे  जीवन  को  समेटने का काम करता है   जीवन से निराश हो चुकी छवि   वैभव की बातों से  एक   नए जीवन की शुरुआत क़रतीं है   कहानी   कई उतार चढ़ाव से आगे   चली है   कहानी की रोचकता के लिए  पढ़िए  लव लाइफ💖✍️           आप सभी का बहुत धन्यबाद 🙏
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