भाग (3)
छवि की नजर जैसे ही खिड़की से नीचे की ओर गई तो हैरान रह गई उसने देखा कि कुनाल कार के बोनट पर बैठा खिड़की की तरफ ही देख रहा है , ये देख छवि को एक बार लगा भी इस को दो-चार सुना दूँ लेकिन वो मुँह नहीं लगना चाह रही थी।
तैयार होकर वो कॉलेज के लिए पैदल ही निकल ली क्योंकि स्कूटी अभी भी आई नहीं थी कुनाल छवि को जाते हुए देखकर बोला" अरे रुको तो सही.......!!छवि.....!!!!!!
छवि ने आँखो को तानते हुए कुनाल को गुस्से से देखा फिर तेज चाल से उसके करीब जा पहुंची" क्या है...?इतनी तेज क्यों चिल्ला रहे थे कल रात से ही तुम्हारें लक्षण ठीक नहीं मालूम हो रहे थे मुझे, भला कोई किसी का इतना भी पीछा करता है बोलो"।
" जब तुम ही बोलोगी तो मैं कैसे बोल सकता हूँ, कुनाल ने सरसरे । शब्दों से कहा,
" उफ.....!!!!तुम से तो बात करना ही बेकार है छवि अपने सोल्डर बैग को झटका देकर तेज कदमों से आगे निकल गई कुनाल छवि को पुकारता ही रह गया।
कुनाल के डर के बजह से छवि ने सीधे कॉलेज का रास्ता पकड़ने के लिए ओटो में बैठ गई, "पता नहीं ये कैसी आदत का है भला कोई किसी के पीछे इतनी बुरी तरह से पड़ता है, फिर अचानक ये सब सोचकर छवि के होठों पर मुस्कान तैर गई। कुनाल का ये पागल पन कन्हि न कन्हि छवि को भाने लगा था।
शाम को कॉलेज से निकल कर वो स्कूटी भी लेकर पार्लर की ओर चल दी , सालग ज्यादा होने के कारण बहुत भीड़ थी छवि पर डाँट भी पड़ी" इतनी लेट.....??
वो कॉलेज.....!!!!!
हाँ... हाँ पता है कॉलेज रोज इसी का बहाना बना देती हो चलो काम पर लग जाओ,
छवि मुँह लटकर काम पर लग जाती है खुशी उसे हाथ से मुस्कुरा ने को कहती है खुशी प्रेम को देखकर छवि का तनाव दूर हो जाता है ,
काम खत्म होने के बाद दोनों साथ बैठकर चिप्स खाने लगती है,
आज बहुत काम है ,....!छवि ने चिप्स को मुँह में देते हुए कहा,
"हाँ बहुत सुबह से यूँही लगी हुई हूँ , खुशी ने भी एक चिप्स मुँह में रख लिया,
" क्या तुम ने सुबह से कुछ खाया भी नहीं....??छवि ने परेशान हो कर पूछा,
" खा लिया था, अच्छा ये बता तेरी स्कूटी ठीक हुई कि नहीं,
हाँ हो गई उसी पर ही तो आई हूँ ,
अच्छा देख ये पार्टी के फोटो खुशी छवि को एक एक करके फोटो दिखाने लगी,
" कुनाल का फोटो आते ही छवि के चेहरे पर मुस्कान आ गई,
खुश होते हुए कहा"ये डांस बहुत अच्छा करते हैं...!!
हाँ तारीफ भी बहुत करते हैं.. खुशी ने चुटकी लेते हुए कहा
" मतलब....????
" हाँ ...!जब देखो तेरे बारे में ही पूछता रहता है छवि कैसी है, छवि बहुत मासूम है,
" ये सुनकर कुनाल के प्रति छवि का मन आकर्षित होने लगा,
"अच्छा तू खा मुझे और काम है और हाँ तू भी जल्दी आ जाना , खुशी हैंड बॉस करने चली जाती है,
तभी छवि के फोन में मैसेज आता है जिसे देख कर छवि दंग रह जाती है।