भाग(8)💞💞💞💞💞
छवि अपने को अन्य कामों में व्यस्त रखती थी कभी मायूस भी हो जाती तो खुद को समझा लेती पर वो प्यारी सी मुस्कान कन्हि गुम हो गई थी जिसे ढूँढने का प्रयास छवि कर भी नहीं रही थी, बस खाली जिए जा रही थी।
कॉलेज में आज सेमिनार है जहां कई लड़के -लड़कियां अपनी बात रखने को आतुर थे, छवि अपने उदास चेहरे को लिए एक चेयर पर जा बैठती थी , थोड़ी देर बाद पूरा हॉल एक भीड़ से भर गया ।
बाहर से आये गेस्ट ने दीपक प्रज्वलित किया और अपने विचार रखने लगे उन्होंने कहा"मेरे प्यारे बच्चों ,
मुझे बहुत खुशी हो रही है यहाँ आप के बीच आ कर लेकिन मैं देख रहा हूँ वो खुशी आप लोगों के चेहरे पर नहीं दिख रही, ये सुनकर छवि सहम गई और होठों को तान बैठी,
वे आगे बोले"- आप सभी अपने जीवन को अच्छा बनाने के लिए यहाँ आये हुये है जब आप कामयाब होंगे तो आप अपने पेरेंट्स की आँखो में दिखेगा कि कितना गर्व महसूस करेंगे वे, आप सभी को आपके नए भविष्य के लिए बहुत-बहुत बधाई!!!
फिर एक-एक करके सभी ने अपनी बात रखी, फिर जैकी का नबंर आया , जैकी थोड़ा घबराया लेकिन थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हो गया उसने कहा"आज हम एक जगह बैठे दिख रहे हैंलेकिन हैं नहीं; क्योंकि हम शरीर से तो यहाँ है पर दिमाग और मन कन्हि और हैं।
क्योंकि हम अपने जीवन मे उलझ चुके हैं हम वहां होते ही नहीं जहाँ हमे होना चाहिए , ये एक तरह की बीमारी है
जो इंसान को मानसिक रोगी बना रही है एक समय पर इंसान जीने की आशा छोड़ देता है, ये चीज हम युवाओं में बढ़ती चली जा रही है इसे खत्म करने के लिए , हमें नई सोच और नए विचारों को सीखना होगा, जैकी लगातार बोले जा रहा था सभी उसे गौर से सुन रहे थे।
छवि अपने हाथ की हथेली पर चेहरा टिकाए सुने जा रही थी उसे नहीं पता चला कार्यक्रम फिनिश भी। को गया है छवि हॉल से निकल कर अपनी स्कूटी के पास आती है जैकी उसे आवाज देता है छवि चोंक कर पीछे मुड़ कर देखती है जैकी पास आ जाता है"
छवि उससे कहती है , बधाई हो!! तुम ने सभी का ध्यान खींच लिया,"
" शुक्रिया...!!!!जैकी ने हँस कर कहा
" तुम ने सही बात कही जैकी , वैसे तुम ने ये सब अपने-आप कहा या। कन्हि से ,.....!!!
सच ही कहूंगा " कुछ अच्छे लोगों को पढ़ा और सुना , फिर क्या था मैं ने अपनी स्पीच तैयार कर ली,
सच तो ये है मैं तो कॉमेडी करने वाला था लेकिन वेस तो और ही था, मुझे कॉमेडी भी बहुत अच्छी आती है , जैकी की बात पर छवि को हँसी आ गई,
"अच्छा ठीक है मुझे कन्हि जाना है फिर मिलते हैं छवि चलने लगी, जैकी ने अपनी बात पर जोर देकर कहा" कॉफी.......!!!!!
छवि ने गम्भीर होकर कहा"नहीं ; नो थेंक्स...!!!छवि एक पल और नहीं रुकना चाहती थी, वो जान गई थी जैकी के मन मे उसे लेकर कुछ चल रहा है, छवि अब इन सब मैं पड़ना नहीं चाहती थी।
छवि पार्लर में अब ख़ुशी से जल्दी पहुँच जाती थी, छवि के काम की, सराहना होने लगी थी छवि की लगन देख कर ख़ुशी प्रसन्न थी लेकिन उसे दुख भी था
क्योंकि उसके जीवन मे एक स्थिरता आ गई थी, एक दिन छवि को घर से फोन आया कि उसके भाई ने कॉलेज में टॉप किया है , घर घूम जाओ माम्मी को बहुत याद आती है, छवि ने कहा"जी पापा..!!! कुछ दिनों बाद फाइनल एग्जाम हो जायेगे तब मैं घर आऊँगी,
हालांकि छवि के माता -पिता उसके पास आते -जाते रहते थे लेकिन मां-बाप का कहाँ पेट भरता है अपनी औलाद से,
छवि ने दिन-रात एक कर दी थी अच्छे नंबर लाने के लिए , एक दिन छवि पार्क में बैठी अपने नोट्स लिख रही थी, जैकी भी अपनी किताबो को समेटे हुए उस के पास आ गया,
" कुछ ही दिन बचे हुए हैं एग्जाम के लिए फिर सब अपने -अपने राह पर चले जायेंगे"जैकी ने छवि की ओर देखकर कहा,
"हाँ ये तो है यहाँ के भी सारे फ्रेंड छूट जाएंगे मुझे अभी भी अपने स्कूल की फ्रेंड याद आती हैं छवि ने यादों में खोते हुए कहा, फिर चेतना में आते हुए बोली" तुम यही बताने आये थे?
" नहीं वो....!!
"वो क्या...?
" असल में मैं बहुत दिनों से सोच रहा था कुछ कहना कि हम फ्रेंड बन जाते हैं ,
छवि ने नॉट बुक पर कलम घिसते हुए कहा"वो तो हम अभी भी है,
" छवि असल में कॉलेज के प्रिवीस से ही मैं तुम्हें चाहने लगा था लेकिन कभी मौका नहीं मिला तीन साल बीत गए अब कुछ ही दिन बचे हुए हैं तो मुझे लगता है कि जो बात दिल मे वो बोल दूँ,
आई लव यू।।।।।।।।।।!!!
छवि की धड़कनें तेज हो गई उसे कुनाल की याद आ गई उसने गुस्से से भर लेकिन शालीनता से कहा ,
जैकी तुम अच्छे लड़के हो, तुम्हारी मैं इज्जत क़रतीं हूँ , सच तो ये है मुझे इस !!! आई लव यू!!!शब्द से नफरत है , हम फ्रेंड ही रहे तो ठीक है, एक लड़की जो बात फ्रेंड से कह सकती है वो प्रेमी या बॉयफ्रैंड से नहीं, काश की ये बात तुम लड़के समझ पाते ,
छवि को फिर से रोना आया वो आशुओं को छुपाते दूसरी ओर चली गई जैकी मूरत बना वहीँ खड़ा रह गया।