कोलंबो : श्रीलंका ने रणनीतिक रूप से महत्वूपर्ण अपने हमबनतोता बंदरगाह में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह सौदा 1.1 अरब डालर का है। इस बंदरगाह को बनाने में भारी कर्ज बोझ को देखते हुये यह समझौता किया गया। गहरे समुद्र स्थित इस बंदरगाह का इस्तेमाल चीन की नौसेना द्वारा किए जाने को लेकर बढी चिंताओं के बीच यह सौदा कई महीने से टलता आ रहा था।
उल् लेख नीय है कि चीन ने 2009 में गृहयुद्ध समाप्त होने के बाद से श्रीलंका में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। इस सौदे के तहत इस बंदरगाह में हिस्सेदारी चीन की सरकारी कंपनी चाइना मर्चेंट पोर्ट होल्डिंग्स को बेची गई है। इस अवसर पर श्रीलंका के बंदरगाह मंत्री महिंदा समरसिंघे व चीन के राजदूत यी शियानलियांग मौजूद थे।
इस 99 वर्ष की लीज समझौते के तहत चाईना मर्चेंट पोर्ट इस बंदरगाह में समुद्री क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों में 1.1 अरब डालर का निवेश करेगा। समरसिंघे ने इस अवसर पर कहा, ‘‘यह 2014 की योजना के मुकाबले काफी अनुकूल समझौता है।’’ इसकी मूल योजना पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल में बनाई गई थी। समझौता आगे संशोधन के लिये खुला था।
इससे भारत में सुरक्षा चिंता बढ़ सकती थी।बहरहाल, नये समझौते में इस गहरे समुद्री क्षेत्र स्थित बंदरगाह की सुरक्षा का जिम्मा केवल श्रीलंका की नौसेना पर होगा और बंदरगाह में किसी भी विदेशी नौसेना का बेस नहीं बन सकेगा।