लखनऊ : उत्तरप्रदेश में टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे सर्वे में सरकार भले किसी की भी बन रही हो लेकिन अब भी 40 फीसदी मतदाता ऐसे हैं जो अभी ये तय नही कर पाए हैं कि वह किस पार्टी को वोट दें। इंडियास्पेंड और फोर्थलायन’ के ताज़ा सर्वे की माने तो यूपी में अब भी 40 फीसदी मतदाताओं की अपने वोट को लेकर दुविधा बरकरार है। ‘फोर्थलायन’ ने उत्तर प्रदेश में 2,513 पंजीकृत मतदाताओं से टेलीफोन के माध्यम से हिंदी में बातचीत की है। यह सर्वेक्षण 24 जनवरी से 31 जनवरी के बीच आयोजित किया गया।
किसको कितना वोट ?
सर्वेक्षण में शामिल 28 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि वे भरतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट देंगे। जबकि 18 फीसदी मतदाताओं का कहना था कि वे समाजवादी पार्टी (सपा) को वोट देंगे। 4 फीसदी लोगों का कहना है कि वे मयावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को वोट देंगे। वर्ष 2007 से 2012 के बीच मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं। केवल 1 फीसदी लोगों ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) को वोट देने की बात की है।
दुविधा में मतदाता
सर्वेक्षण में पाया गया कि कुल महिला मतदाताओं में से आधी महिलाओं ने यह निर्णय नहीं लिया है कि वे किसे वोट देंगी। महिला मतदाताओं में 45 फीसदी महिलाएं 30 से 44 आयु वर्ग के बीच की हैं, 42 फीसदी महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, 43 फीसदी दलित हैं, 44 फीसदी अन्य पिछड़े वर्ग से हैं और 43 फीसदी गरीब तबके से हैं। यहां गरीबी का पैमाना दो पहिया वाहन या कार के स्वामित्व से है। जिनके पास कोई दो पहिया वाहन या कार नहीं है, उसे गरीब के रूप में देखा गया है।
ऐसे लोग जिन्होंने अब तक यह निर्णय नहीं लिया कि वे किस पार्टी को वोट देंगे उनमें से ज्यादातर पिछड़े वर्ग (38 फीसदी) और दलित (21 फीसदी) हैं। सर्वेक्षण में शामिल कम से कम 70 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि उनके पास किसी प्रकार का वाहन नहीं है, जो उनकी आय के स्तर का संकेत हो सकता है।