लखनऊ : विगत कुछ वर्षों से देश मे कांग्रेस की गिरती स्थिति के लिए एक और जहाँ उंसके प्रवक्ता गलत बयानी का एक कारण बने है वही दूसरी और नेताओ का अपने क्षेत्रों में न होना भी बहुत बड़ी कमजोरी है।गुजरात की बाढ़ में कांग्रेस के 44 विधायकों को अगवा कर चुनाव जीतने के उद्देश्य से बैंगलोर में बन्दी बना कर रखना भी कांग्रेस की छवि खराब करने वाला कारण साबित हुआ है।
नेताओ का मीडिया और सोशल मीडिया पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अपने ही संसदीय क्षेत्र से लापता होने के पोस्टर अमेठी में चर्चा का विषय होने का समाचार जोरो से प्रसारित हैं। उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी में कई जगह पर दीवारों पर राहुल गांधी के लापता होने के पोस्टर लगे हैं।
कांग्रेस से प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार रहे राहुल गांधी के अमेठी की उपेक्षा करने को लेकर अमेठी में जगह-जगह लगा पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर कांग्रेसी इसे राहुल गांधी की साख गिराने की साजिश बता रहे हैं। फिलहाल पोस्टर में न तो किसी का नाम है और न ही कोई नंबर छोड़ा गया है। अमेठी में आम दीवारों के साथ ही सरकारी कार्यालयों व केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय की दीवार पर राहुल लापता का पोस्टर चस्पा किए गए हैं।
अमेठी में कल शहर व कस्बों की दीवारों पर राहुल गांधी लापता के पोस्टर चस्पा मिले। पोस्टर को देख चर्चा में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। वहां जायस हो या अमेठी सभी जगह पोस्टर चस्पा दिखाई पड़े। मामले की जानकारी जब कांग्रेसियों को हुई तो उनका आक्रोश भी दिखाई पड़ा। बताते चले कि लोकसभा चुनाव के बाद भी ऐसे ही पोस्टर लगाए गए थे। उस समय भी कांग्रेसियों ने उसे साजिश करार दिया था।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने कहा कि चार पांच दिन पूर्व राहुल गांधी ने यहां के किसानों की समस्याओं को लेकर लखनऊ में एनएचआइ दफ्तर में शीर्ष अधिकारियों से मिल यहां की समस्याओं को लेकर मुद्दा उठाया था। यही नहीं जिले से भी किसान गए थे। जहां पर उनकी राहुल से मुलाकात भी हुई थी।
उन्होंने कहा राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए विरोधी दल साजिश कर रहे हैं। अमेठी में उनके निधि से कार्य किए जा रहे हैं। इसके अलावा देशभर में जहां पर भी समस्याएं हो रही हैं, वह वहां जा रहे हैं। साल भर पूर्व भी ऐसे पोस्टर लगाए गए थे। इससे किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।