आँख हमारे शरीर का एक संवेदनशील अंग है। अनिवार्य हिस्सा है आँख ही न हो तो ये संसार क्या मायने रखता है । आँख के माध्यम से हम बाहर संसार को देखते पहचानते है । यह आँख हमारे शरीर के अन्य अंगो की तुलना
मेरे चाहे न चाहे वह वैष्णवी रोज ही सारे मोहल्ले से कलेवा बटोर कर मेरे आंगन में आकर रोज सुबह पसर जाती।न अनुमति की आवश्यकता, न हीं आग्रह !बस जैसे उसका ही आंगन हो...भांति भांति की पुड़िया खोल कर अपनी क्षु
भारत में कंजक्टिवाइटिस तेजी से फैल रहा है. स्वास्थ्य विभागों द्वारा इससे बचने की एडवाइजरी भी जारी की गई है. 'कंजक्टिवाइटिस, कंजंक्टिवा (आंख का सफेद हिस्सा) की सूजन है. इसे आम भाषा में आई फ्लू के नाम
प्यारे साथियों भगवान ने हमारा शरीर बहुत ही सोच समझ कर बनाया है । शरीर का प्रत्येक अंग मानव के लिए बहुत ही इंपॉर्टेंट है। जो चीज जिसके पास नहीं होती वही जान सकता है उसकी अहमियत... ।आज बात करते हैं
मनुष्य की शारीरिक संरचना में आंखें बहुत नाज़ुक और संवेदनशील अंग होता है। उसे सुरक्षा हूं रखना हमारा प्राइमरी फर्ज होता है। गॉंवो की भाषा में इस ऑंखओ का आना कहते हैं जो बरसाता के मौसम में मुख्य रू
हमारे शरीर के अंगों में आंखे बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती हैं। इनके साथ थोड़ी सी भी परेशानी हो तो तुरंत लक्षण दिखाई देने लगते हैं।आंखे आना या पिंक आई आंखों से जुड़ी ऐसी ही एक सामान्य समस्या है, जिस
आँखों के रोग आमतौर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दा होते हैं। निम्नलिखित लेख में, हम भारत में हाल ही में होने वाले कॉन्जंक्टिवाइटिस के प्रकोप के बारे में चर्चा करेंगे। कॉन्जंक्टिवाइटि