आँख हमारे शरीर का एक संवेदनशील अंग है। अनिवार्य हिस्सा है आँख ही न हो तो ये संसार क्या मायने रखता है । आँख के माध्यम से हम बाहर संसार को देखते पहचानते है । यह आँख हमारे शरीर के अन्य अंगो की तुलना में अलग पदार्थ से बना है इसलिए तो संवेदनशील है।हर क्षण पलके इनकी सुरक्षा करता रहता है। तेज हवा या किरणें के आते ही पलक अपना दरवाज़ा बन्द कर लेता है और आँख की रक्षा करता है।आँख पुरा का पुरा द्रव है । नेत्र का संबंध हमारे मस्तिष्क से है।
आँख कभी कभी संक्रमित भी हो जाता है।यह सवेद्न अंग होने के कारण जल्दी वायरस का संक्रमण हो जाता है।एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में संक्रमण जल्दी हो जाता है इसे आँख आना कहते है। गंदे हाथो से बार बार छूने से संक्रमण बढ़ता जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हम अपनी आँख से 20 किलोमीटर दूर तक देख सकते है पर रियल में हम 2 या 3 किलोमीटर दूर तक ही देख पाते हैं । धुआ धूल के कण व अन्य प्रदूषक हमे देखने से रोकते है।एक मनुष्य के आँख का वजन लगभग 8 ग्राम होता है । मनुष्य मर जाता है पर आँख जीवित रहती है जी हाँ सच है बात करीब करीब 6 घंटे तक इस आँख को निकालकर उपयोग में ला सकते हैं। सबसे तेज आँख बाज की होती है जो दूर से ही अपना शिकार देख लेती है ।
आँखो को हमे सुरक्षित रखना चाहिए । आजकल मोबाइल का इस्तेमाल बढ़ गया है जिसके कारण आँख में किरनें ज्यादा मात्रा में प्रवेश कर रही है याने हम घंटो उस प्रकाश को एक टक देखते रहते है जिसका परिणाम भविष्य में दिखाई देगा। बार बार आँखो को साफ पानी से धोना चाहिए। दोनो हाथो में मध्यमा व तर्जनी के बीच पॉइंट है उसे रोज सुबह प्रेस करना चाहिए जो आँख को तंदुरुस्त करता है। विटामिन ए सम्बंधी भोजन खाना चाहिए जैसे गाजर,पपीता,आवला और मुनगा सब्जी का प्रयोग अपने खान पान मे करना चाहिए।
आँख पर तो पुरा साहित्य खड़ा हो गया है। कई मुहावरे भी है आँख के अन्धे नाम नयन सुख,आंखे दिखाना,आँख लाल होना व आँख मारना आदि।आँख है तो जहान है। कई फिल्मी गीत बने है जैसे "आँखो ही आँखो में इशारा हो गया बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया।" "इन आँखो की मस्ती के मस्ताने हजारो है---।" "गुलाबी आंखे जो तेरी देखी शराबी ये दिल हो गया।" "वो आँख ही क्या जो देख न सके-----"। चलते चलते एक और------
उस मुल्क की सरहद को कोई छु नही सकता।
जिस मिल्क की सरहद की निगेहबान हैं आंखे।
save tree 🌲save earth🌏 &save life ♥️