दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को दालों का बफर स्टॉक बढ़ाकर 20 लाख टन करने को मंजूरी दे दी. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में लिया गया. बयान में कहा गया है, ‘‘आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने दालों का बफर स्टॉक 20 लाख टन तक बढ़ाने के उपभोक्ता मामलों के विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.’’
महंगाई कम करने के लिए बनाया जाएगा बफर स्टॉक
दालों के प्रकार, बफर स्टॉक में उनकी मात्रा और उनकी सरकारी खरीद का फैसला घरेलू और वैश्विक स्तर पर उनकी कीमत और उपलब्धता को देखकर लिया जाएगा. केंद्र ने दालों का बफर स्टॉक बाजार में हस्तक्षेप तथा दालों की आपूर्ति कम दरों पर करने के लिए बनाया है। देश के प्रमुख शहरों में दालों के खुदरा भावों में पिछले कुछ सप्ताह में उल् लेख नीय गिरावट आई है और फिलहाल ये भाव बड़े शहरों में 150-170 रपये प्रति किलोग्राम पर चल रहे हैं.
घरेलू खरीद से बनेगा 10 लाख टन स्टॉक
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उपभोक्ता मामलों के विभाग के बफर स्टॉक को बढ़ाकर 20 लाख टन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बफर स्टॉक 10 लाख टन की घरेलू खरीद और 10 लाख टन आयात के जरिये बनाया जाएगा. इससे दलहन कीमतों में स्थिरता लाई जा सकेगी और घरेलू किसानों को दलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
सरकारी एजेंसियां एमएसपी पर करेंगी दालों की खरीद
अतिरिक्त बफर स्टॉक बनाने के लिए घरेलू खरीद केंद्रीय एजेंसियों एफसीआई, नाफेड और एसएफएसी द्वारा दलहन की खरीद मौजूदा बाजार कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से उंची होने पर मौजूदा बाजार मूल्य पर और अन्य स्थिति में एमएसपी पर की जाएगी. इसके अतिरिक्त जहां संभव होगा वहां राज्य सरकारों को खाद्यान्न की विकेंद्रीयकत खरीद के तरीके से ही दलहन खरीद की अनुमति दी जाएगी. बफर स्टॉक की जरूरत को पूरा करने के लिए दलहन का आयात सरकार से सरकार अनुबंध या वैश्विक बाजार से हाजिर खरीद के जरिये किया जाएगा. यह खरीद वाणिज्य विभाग के अधिकत सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम द्वारा की जाएगी.
दो करोड़ टन उत्पादन होने की उम्मीद
देश का दलहन उत्पादन 2015-16 के फसल वर्ष :जुलाई-जून: के दौरान घटकर 1.64 करोड़ टन रह गया जो इससे पिछले साल 1.71 करोड़ टन रहा था. सूखे की वजह से पिछले दो साल के दौरान दलहन उत्पादन कम रहा है. फसल वर्ष 2016-17 में दलहन उत्पादन बढ़कर दो करोड़ टन पर पहुंच जाने की उम्मीद है, क्योंकि इस साल बेहतर मानसून की वजह से किसानों ने दलहन की बुवाई अधिक क्षेत्र में की है.