अनूप श्रीवास्तव
नई दिल्लीः
अंडरवर्लड डॉन दाऊद इब्राहिम का टेरर अब ख़त्म होता नज़र आ रहा है। बुरे दिन का हाल है कि डॉन का डर अब उसके गुर्गों को भी नहीं रहा। खबर है कि ख़लीक़अहमद नामक गुर्गे ने डॉन को ही 40 करोड़ का चूना लगा दिया। इतना ही नहीं दाऊद का पैसा हड़पकर ख़लीक़ बेहद आसानी से उसी की नाक के नीचे से निकल गया। दरअसल गुर्गे अब दाऊद के डर का फायदा उठाने लगे हैं। क्योंकि भारतीय जांच एजेंसियों के तेजतर्रार अफसरों की टीम की पकड़ में आने की डर से दाऊद के घर में छिप कर बैठ जाने की खबरें सामने आ रहीं। इंटेलीजेंस के अनुसार ख़लीक़ को 45 करोड़ की रक़म दिल्ली के एक सफेद पोश से लेकर हवाला के ज़रिये से दाऊद तक पहुंचानी थी। जिसमें से 5 करोड़ ख़लीक का कमीशन होता और 40 करोड़ दाऊद का। लेकिन ख़लीक़ अहमद इतना गब्बर निकला कि दाऊद का हिस्सा भी डकार कर बैठ गया। यह रहा डॉन के बुरे दिन का हाल।
एैसे हुआ ग़बन का खुलासा
दरअसल दाऊद के एक गुर्गे ख़लीक़ अहमद और जाबिर मोती की बीच फोन पर हुई बात से इस ग़बन का खुलासा हुआ है। मोती पाकिस्तान में दाऊद का बेहद ख़ास है और ख़लीक़ अहमद भारत और शारजहां के बीच आया जाया करता है और +9170852*22** नंबर से बात किया करता है। दरअसल बातचीत के दौरान मोती ने ख़लीक़ से कहा कि दाऊद के एक ख़ास व्यक्ति रज़्ज़ाक भाई ने रुपयों के ट्रांज़िक्शन में गड़बड़ी की बात कही है। रज़्ज़ाक़ ने कहा कि ख़लीक़ अहमद ने "बड़े हज़रत" दाऊद इब्राहिम के नाम का ग़लत इस्तेमाल कर पैसों की हेराफेरी की है।
खुद फोन उठाने से डरता है डॉन, पत्नी रिसीव करती हैं कॉल
डर का आलम यह है कि वो डर के मारे टेलीफोन पर भी बात नहीं कर रहा। ताकि किसी को पता न लगे कि डॉन घर में अपनी पत्नी मेहज़बीन शेख़ के पल्लू में जा छिपा है। सारे फ़ोन पत्नी मेहज़बीन से ही उठवाता है और उसको अगर कोई संदेश भी देना हो तो वो अपनी पत्नी के ज़रिये ही दिलवाता है। मेहज़बीन शेख कराची का पता डीसी-13 ब्लॉक 4 केडीए, एससीएच-5 है। कराची में रहने वाला दाऊद और उसका परिवार बुलेट प्रूफ गाड़ी में चलता है। इसके लिए दुबई से छह कस्टमाइज बुलेट प्रूफ लैंड कू्रजर भी खरीदी गई हैंसरकार ने 50 अधिकारियों की टीम नियुक्त की है। दरअसल जब से उसे भारत के मिशन 50 के बारे में पता चला है वो कराची से बाहर ही नहीं निकला, इस मिशन में खुफिया विभाग के अधिकारियों के साथ रॉ, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर और सीबीआई के कई अधिकारी हैं।
कहां हुआ अंडरग्राउंड
दरअसल बातचीत के दौरान यह खुलासा हुआ कि 'डी' कंपनी के दो जासूस को 26 नवंबर 2015 को दिल्ली से कनाडा मामले की छानबीन के लिए भेजा गया। ख़ुफ़िया सूत्रों से पता चला है कि ख़लीक़ अहमद इस वक़्त मनीपुर में अंडरग्राउंड है। हालांकि बातचीत के दौरान ख़लीक़ अहमद ने हेराफ़ेरी के आरोपों से इनकार कर कहा कि कोई ग़लतफ़हमी हुई है। ख़लीक़ ने कहा कि रुपयों को जमा करते वक़्त कोई ग़लती हुई जिसके कारण रुपये ब्लाक हो गए हैं। उसने कहा कि पैसा पनाम बैंक में सुरक्षित होना चाहिए।
क्या कर रहे हैं बड़े हज़रत
ख़लीक ने बेहद चालाकी के साथ मोती को यह समझाया कि वो डेबिट/क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट मिलते ही पैसा वापस लिया जा सकता है या रज़्ज़ाक़ चाहे तो पैसा उसके अकाउंट में वापस आ जाएगा।इस बातचीत के बाद से ही ख़लीक़ अहमद अंडरग्राउंड हो गया जिससे साफ ज़ाहिर है कि दुनिया के सबसे बड़े डॉन दाऊद को ठग लिया गया. हालांकि बातचीत में यह भी सामने आया कि बड़े हज़रत यानी दाऊद इब्राहिम ने अब हथियारों की ख़रीदी, फ़िरौती, हीरों की कालाबाज़ारी और नारको आतंकवाद के बाद अब मनीलांडरिंग याने काले धन को सफेद करने के लिए भारत में एक बड़े रैकेट को चला रहा है। दाऊद के गुर्गे पैसों को लोगों के घर आकर लेते हैं और बाद में पनामा, कनाडा, दुबई, और पाकिस्तान हवाला के ज़रिये भेजा करते हैं।