राष्ट्रपति बनने की दौड़ में अरुण जेटली से लेकर थावर चंद गेहलोत का नाम किनारे करके आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कानपुर के रहने वाले बीजेपी नेता रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति भवन भेजने का फैसला किया. कोविंद मौजूदा समय में बिहार के गवर्नर हैं और दलित समाज से आते हैं. राष्ट्रपति के एनडीए उम्मीदवार के तौर पर कोविंद के नाम को सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने चुनने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत को सुझाया था.
पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू आदि भाजपा नेता ने उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनी है.
बताया जा रहा है कि पार्टी में इस बात को लेकर रजामंदी बनी है कि किसी सक्रिय राजनीति क हस्ती को ही देश के इस सर्वोच्च पद पर काबिज होना चाहिए. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों व विधायकों को दिल्ली बुलाया है. बताया जा रहा है भाजपा ने अपने सभी सांसदों और विधायकों को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नामांकन पर हस्ताक्षर करने के लिए आमंत्रण भेजा है.
सूत्रों के मुताबिक, 19 और 20 जून को नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसके बाद 23 जून को पर्चा दाख़िल किया जाएगा. पहले प्रस्ताव में पहला नाम पीएम मोदी का होगा. दूसरे प्रस्ताव में पहला नाम बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम होगा. तीसरे और चौथे प्रस्ताव में पहला नाम एनडीए सहयोगी प्रकाश सिंह बादल और चंद्र बाबू नायडू का होगा. इस नामांकन पत्र पर केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायक दस्तखत करेंगे.
इस बीच खबर है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मतभेद भुलाकर साथ आने के लिए राजी कर लिया. इसके साथ ही उद्धव को यह भरोसा भी दिया कि किसी भी कैंडिडेट का नाम फाइनल करने से पहले एनडीए के सभी घटक दलों से राय ली जाएगी.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 24 से 27 जून तक 4 दिन के लिए अमेरिका यात्रा पर जा रहे हैं. इसलिए प्रधानमंत्री की मौजूदगी में राष्ट्रपति उम्मीदवार का नॉमिनेशन फाइल होगा और उसमें ज्यादा समय बचा नहीं है.