shabd-logo

धोबी की गधैया

10 दिसम्बर 2021

72 बार देखा गया 72

पूरा परिवार, गाँव के रिहायशी मकान में, छुट्टियाँ मनाने आया था. अगले ही दिन, कुनबे की इकलौती बेटी रजनी ने, अपनी दादी चमेली देवी को, सूचित किया, ‘धोबन काकी आयी हैं, आपने बुलाया था ना?’ ‘हां बिटिया...इधरै भेज दिहौ’ दादी ने उत्साहित होकर, रजनी से कहा. अगले ही क्षण, धोबन प्रकट हुई. उसकी झलक पाते ही, चमेली देवी के मुख से निकला, ‘रधिया...! तुई त बहुतै झुरा गई हउ...कउनो तकलीफ रही?’ ‘ई त जिनगी क खेला हय  मलकिन’ कहते कहते रधिया ने उनके पैर छुए और जमीन पर आलथी- पालथी मारकर बैठ गयी. ‘मलकिन, हमका काहे बुलवाइन? कोऊ ख़ास बात रही?’ उसने बैठते ही प्रश्न किया.

‘ख़ास बात का होई ? मुला ई दैयां हम, होली मनाकर जइबे. २०- २५ दिन हियाँ रुकैं का है. घर भरै कै कपड़ा, इस्तरी करैं क परी...एहिलिये तोहका संदेसा भिजवाइन. तोहरा जौन पइसा बनब, दै देब’ इतने में, रजनी की माँ, सावित्री का प्रवेश हुआ. ‘परनाम बहूजी’ रधिया ने बैठे- बैठे हाथ जोड़ दिए. ‘कैसी हो रधिया?’ ‘आप लोगन क किरपा हय बहूजी’ ‘तुम्हारा मरद कैसा है? अभी भी दारू पीकर, हाथ उठाता है?’ सावित्री पूरी ‘रामायण, महाभारत’ जाने बिना, छोड़ने नहीं वाली थी.

इस पर रधिया सकुचा गयी. धीरे से बोली, ‘ हमरे लगे नवी बहुरिया हइ...एही कारन उतपात नाहीं करित...कभु दारू पियत त बहरै बइठ रहित हय, भीतर नाहीं अउतै’ ‘तब तो कोई समस्या नहीं’ सावित्री ने निष्कर्ष निकाला. ‘समस्या काहे नाहीं...उइ नसे मां, अंटसंट बड़बड़ात रहे... तौ पड़ोसी रिसिया गयेन...’ ‘उससे तुम्हें क्या? तुम्हारे आदमी से... वे खुद ही निपट लेंगे’ ‘ओसे कोऊ ना निपटी...सब हमहिन क गरियइहैं...’ ‘ऐसा क्या??’ सावित्री ने मानों, आग में पेट्रोल, छिड़क दिया!

‘हमरे नैहर वालन क, एहिका ब्योहार, नीक नाहिं लागत...बिटवा, बहुरिया भी परेसान रहित हैं...फिरौं  कोउ एहिते, कछू न बोली... सब सिकायत, हमहिं क सुनैं क परी’ रधिया की बात खतम होते होते, रजनी के दोनों भाई आ गये. बड़का कह उठा, ‘राम राम धोबन काकी! कैसी हो?’ ‘ठीक हन बिटवा’ रधिया ने, बुझे स्वर में, उत्तर दिया. ‘बाहर जो फटफटिया खड़ी है...तुम्हारी है? इस बार छोटका बोला. ‘हौ...’ धोबन का जी, बात करने का नहीं था...उसका बेटा, जो उसे, फटफटिया पर बिठाकर लाया था; बाहर खड़ा था. वह कपड़ों के इन्तजार में थी. ‘पहले तो गधा साथ आता था?’ छोटके ने चुटकी ली. ‘गधा नहीं पगले! गधी...’ बड़के ने परिहास करते हुए कहा.

‘हाउ इंटरेस्टिंग! मैंने आज ही, वह कहावत पढ़ी...’ ‘कौन सी?’ ‘अरे वही- जो धोबी पर बस न चला तो गधैया के कान उमेठे’ छोटके ने, चहककर बताया था. ‘हमहूँ गधैया हन बिटवा’ अनायास ही, रधिया की आर्त प्रतिक्रिया ने, सबको चौंका दिया.

विनीता शुक्ला

विनीता शुक्ला

धन्यवाद अनीता जी!

27 दिसम्बर 2021

Anita Singh

Anita Singh

सुन्दर

27 दिसम्बर 2021

विनीता शुक्ला

विनीता शुक्ला

आभार ज्योति जी!

20 दिसम्बर 2021

Jyoti

Jyoti

मजेदार

20 दिसम्बर 2021

17
रचनाएँ
जीवन के रंग
5.0
जीवन के खट्टे- मीठे अनुभवों की कहानियां .
1

एक्स

10 दिसम्बर 2021
10
4
4

<p>केतकी आज फिर पीछे पड़ गयी थी, ‘ चल यार, आज कोई मूवी देखने चलते हैं’ ‘लेकिन प्रोजेक्ट रिपोर्ट लिखनी

2

असहमति

10 दिसम्बर 2021
7
3
6

<p>‘चल फटाफट...अभी शॉपिंग बाकी है ...तेरे लिए नये सैंडल और लिपस्टिक लेनी है’ ‘सैंडल तो ठीक है...पर ल

3

मास्क

10 दिसम्बर 2021
4
1
4

<p>नमिता अजब उलझन में थी. कोरोना काल में हवाई- यात्रा, अविवेकपूर्ण थी; पर उसके पास, दूसरा विकल्प भी

4

अन्ततः

10 दिसम्बर 2021
3
1
4

<p>समीरा का जी बस में नहीं था; ममा का फोन आया था. इधर- उधर की बात करने के बाद, कहने लगीं, ‘सिमो...शा

5

धोबी की गधैया

10 दिसम्बर 2021
4
1
4

<p>पूरा परिवार, गाँव के रिहायशी मकान में, छुट्टियाँ मनाने आया था. अगले ही दिन, कुनबे की इकलौती बेटी

6

सपनों की सरगम

10 दिसम्बर 2021
5
1
4

<p>नव्या कॉलेज- लाइब्रेरी से निकलकर, उस शानदार रेस्तरां तक आ पहुंची थी. वहाँ मंद- मंद संगीत की स्वरल

7

चिन्ना वीदू

10 दिसम्बर 2021
2
1
4

<p>जबसे नमित अपने ननिहाल से आया है, लगातार रोये जा रहा है. वह रह रहकर, अपनी माँ मीनाक्षी को, कोस रहा

8

झूठी शान

10 दिसम्बर 2021
2
1
4

<p>तनु दुविधा में थीं. माइक ऑटोवाले ने, उनके पति सुकेश को फोन करके, अच्छी- खासी रकम उधार माँगी

9

साक्षात्कार

10 दिसम्बर 2021
5
1
4

<p>साक्षात्कार का दूसरा दौर चल रहा था. फैशन की दुनियाँ में तहलका मचा देने वाली, अंतर्राष्ट्रीय कम्पन

10

रागों की वापसी

10 दिसम्बर 2021
2
1
4

<p>लॉकडाउन के दौर में, वह चिरपरिचित चेहरा, मानों कहीं खो सा गया है...उस मधुर कंठ से निःसृत, अन

11

दूसरे दौर की प्रताड़ना

10 दिसम्बर 2021
2
1
4

<p>अमन शर्मा झल्ला रहे थे. उनकी भूरी वाली टी. शर्ट पर, इस्तरी नहीं फेरी गई. देविना रोज रोज की नाराजग

12

संक्रमण

10 दिसम्बर 2021
3
1
2

<p>‘आंटी...कल फेसबुक पर, तन्वी की फोटो देखी. शी वाज़ लुकिंग गॉर्जियस! उसके साथ क्यूट सा एक लड़का था...

13

रिश्तों का बहीखाता

10 दिसम्बर 2021
2
1
4

<p>“गोदी होरिलवा तब सोहैं, जब गंगा पै मूड़न होय गंगा पै मूड़न तब सोहैं, जब गाँव कै नउवा होय” बुलौवे वा

14

दूसरी भग्गो

10 दिसम्बर 2021
4
1
4

<p>सुमेर मिसिर हिचकते हुए, उस दहलीज़ तक आ पहुंचे थे, जहाँ कभी आने की, सोच भी नहीं सकते थे. क्या करते?

15

मेले में लड़की

14 नवम्बर 2024
0
1
0

छात्रावास में, पुनः, एक ‘महत्वाकांक्षी’ योजना, बनी थी. हर बार की तरह, इस बार भी, योजना की सूत्रधार थी- दीपाली. शहर के सुदूर, जागीर-मेला- स्थल पर, प्रदर्शनी लगी थी. मेले में जाना चाहिए या नहीं- यह निर्

16

वज़ूद का हिस्सा

14 नवम्बर 2024
0
1
0

मुनीश चौधरी आज बहुत बेचैन थे. दिन के आठ बजे थे; फिर भी बिस्तर से उठने को, उनका जी नहीं मान रहा था. रोज तो साढ़े छः बजे ही उठकर, सैर पर चले जाते थे; किन्तु...! आज ११ दिसम्बर  था. सुहासी का जन्मदिन. सु

17

द्रोह के स्वर

14 नवम्बर 2024
0
1
0

लीला, बुआ संग, एक विवाह- समारोह में आई है...एक छोटे से कस्बे में होने वाली, बड़ी सी घटना!                                                 बड़ों के सामने, हाथ भर का पल्लू डालने वाली औरतें,  गुँथे आटे

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए