नई दिल्लीः राजधानी पहुंचे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और फिर शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उनसे यूपी के नए प्रदेश अध्यक्ष पद की दावेदारी पर चर्चा हुई। केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बन जाने के बाद पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष की तलाश है। मोदी और शाह ऐसा चेहरा चाहते हैं जो न केवल यूपी में संगठन को और मजबूत बनाए, बल्कि मुख्यमंत्री योगी से सामंजस्य बनाकर रखने वाला हो। ताकि संगठन और सरकार के बीच किसी तरह के टकराव की नौबत न आए। जैसे केंद्र में आपसी सामंजस्य से मोदी सरकार तो शाह संगठन चला रहे हैं, उसी फार्मूले को यूपी में भी लागू करने की कोशिश है। यानी योगी के लिए अब यूपी में भी एक शाह की तलाश है।
पश्चिम यूपी से नया प्रदेश अध्यक्ष
योगी के मंत्रिमंडल में जिस तरह से पश्चिम यूपी की उपेक्षा हुई है, उससे माना जा रहा है नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति इसी क्षेत्र से नाता रखने वाले चेहरे को बनाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि सोशल इंजीनियरिंग के तहत किसी दलित चेहरे को मौका दिया जा सकता है। अगर ऐसा सचमुच हुआ तो आगरा के सांसद और पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री रामशंकर कठेरिया,कौशाम्बी के सांसद विनोद सोनकर, बुलंदशहर सांसद भोला सिंह, पूर्व विधायक मुंशीलाल गौतम या फिर महामंत्री विद्याशंकर सोनकर में से कोई प्रदेश अध्यक्ष बन सकता है।