भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हमारे देश के प्रख्यात वैज्ञानिक हैं जो भारत गणराज्य के राष्ट्रपति रह चुके हैं। उनका पूरा नाम है अवुल पकीर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम। वे भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति रहे
डायरी दिनांक १५/१०/२०२२ शाम के छह बजकर चालीस पच्चीस मिनट हो रहे हैं । वर्ष १९३१ में आज की तारीख दिनांक १५ अक्टूबर को केरल प्रदेश के रामेश्वरम शहर के एक मछुआरे परिवार में भारत के भूतपूर्व राष्ट
भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति, जाने माने वैज्ञानिक और अभियंता कहलाते वो मिसाइल मैन भी भारत रत्न से सम्मानित अब्दुल कलाम जी के विचार आज भी युवा पीढ़ी को प्रेरित करते हैं उनकी काम कर
मिसाईल मैन के नाम से प्रसिद्ध भारत के 11वें राष्ट्रपति ए०पी०जे० अब्दुल कलाम जिनका पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलाबदीन कलाम था। इनका जन्म आज ही के दिन 15 अक्टूबर, 1931 को रामेष्वरम में हुआ था। अब्दुल कलाम का
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !15 अक्टूबर 1931 को, तमिलनाडु राज्य के, रामेश्वरम् जिले के, धनुषकोड़ी गांव में, किराए पर नाव देने वाले,अनपढ़ और गरीब पिता जैनलाब्दीन औरअनपढ़ माता गृहिणी अस
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। इनका जन्म fifteen अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। इन्होंने फिजिक्स और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई तमिलनाडु से की थी। इन्होंने अपनी जिंदगी के चार
वो कलाम नहीं कमाल थे… मिसाइलमैन वो बेमिसाल थे… उनकी खूबियां करती रहेगीं पथ प्रदर्शन मेरा… वो मेरी मातृभूमि की ढाल थे… वो कलाम नहीं कमाल थे…।। तेरे ना होने का शिकवा तुझसे कैसै लिखूं ए कलाम… आज म
एक साथ गीता और कुरान चले गए… आधुनिक भारत के भगवान चले गए… इस देश के असली स्वाभिमान चले गए… धर्म को अकेला छोड़ विज्ञान चले गए… एक साथ गीता और कुरान चले गए… मानवता के एकल प्रतिष्ठान चले गए… धर्मनिर
जब अनंत आकाश भी दहल उठता था… मुख मौन हैं… महिमायें आपके सामने गौण हैं… माँ भारती का शक्तिध्वज… फहराने बचा ही कौन है… सूनी पड़ गई ये धरती… आपके अलविदा कह जाने से… जब अनंत आकाश भी दहल उठता था… आ
डॉक्टर ए. पी. जे अब्दुल कलामको मेरा बहुत बहुत नमन सलामकिया हम सब के लिए उसने इतनाअनेक काम हर बड़े और बच्चों केमन में बसे उनके जैसा कर दिखानेका हो हुनर हम सब बच्चे के हर सपनेपुरे हुये एक ख्वाब बनकर किया
गगन के चमकते सितारे ,जो दुनिया में नाम कर गये।इंसानियत की बांटते सौगात,हर मनुष्य के दिल मे घर कर गये।कभी ना घमंड किया,धरा से उठकर गगन में उड़ गए।याद करेगी दुनिया सदैव उन्हें,हमें इतनी खुशियां दान कर ग