15 अक्टूबर 2022
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9 नवम्बर 2023
फूलों सी नाज़ुक, चाँद सी उजली मेरी गुड़िया । मेरी तो अपनी एक बस, यही प्यारी सी दुनिया । । सरगम से लहक उठता मेरा आंगन । चलने से उसके, जब बजती पायलिया । । जल तरंग सी छिड़ जाती है । जब तुतलाती बोले, म
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस प्रत्येक वर्ष 11 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य स्त्री को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज में सम्मान और सुरक्षा प्रदान करना है। यह आवश्यक दिन पहले एक निजी
भारत जहाँ एक ओर आर्थिक-राजनीतिक प्रगति की ओर अग्रसर है वहीं देश में आज भी लैंगिक असमानता की स्थिति गंभीर बनी हुई है। वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक ने वैश्विक स्तर पर भी लैंगिक असमानता को समाप्त करने म
प्रत्येक बच्चे का अधिकार है कि उसकी क्षमता के विकास का पूरा मौका मिले. लेकिन लैंगिक असमानता की कुरीति की वजह से वह ठीक से फल फूल नहीं पते है साथ हैं भारत में लड़कियों और लड़कों के बीच न केवल उनके घरो
लिंग सशक्तिकरण है सशक्तिकरण किसी भी लोगों के लिंग । जबकि पारंपरिक रूप से इसके पहलू का उल्लेख महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किया गया है , यह अवधारणा एक भूमिका के रूप में जैविक सेक्स और लिंग के बीच अंतर प
माता-पिता और भाईं बहिनो से, ब़नता हैं परिवार, दादा-दादी, नाना-नानी, होतें इसकें मज़बूत आधार। ब़ूआ तो घर क़ी रोनक होतीं, चाचा सें हंसता सारा घ़र द्वार, भाभी और जीजाजी तों होते, घर क़ी खुशियो क़े
मानव सभ्यता की पहली संस्कृति पवित्र जॉर्ज मैं भगवान के साथ बना रहा था परिवार के भाग्य दिन का भाग्य रात की नींद सपने की नींद आदमी औरत में तीन मानव ressures और एण्ड्रोजन माँ Androjan mammy महिला बच्चे औ
जब अनंत आकाश भी दहल उठता था… मुख मौन हैं… महिमायें आपके सामने गौण हैं… माँ भारती का शक्तिध्वज… फहराने बचा ही कौन है… सूनी पड़ गई ये धरती… आपके अलविदा कह जाने से… जब अनंत आकाश भी दहल उठता था… आ
एक साथ गीता और कुरान चले गए… आधुनिक भारत के भगवान चले गए… इस देश के असली स्वाभिमान चले गए… धर्म को अकेला छोड़ विज्ञान चले गए… एक साथ गीता और कुरान चले गए… मानवता के एकल प्रतिष्ठान चले गए… धर्मनिर
वो कलाम नहीं कमाल थे… मिसाइलमैन वो बेमिसाल थे… उनकी खूबियां करती रहेगीं पथ प्रदर्शन मेरा… वो मेरी मातृभूमि की ढाल थे… वो कलाम नहीं कमाल थे…।। तेरे ना होने का शिकवा तुझसे कैसै लिखूं ए कलाम… आज म
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। इनका जन्म fifteen अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। इन्होंने फिजिक्स और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई तमिलनाडु से की थी। इन्होंने अपनी जिंदगी के चार
एक गाँव में बहुत समृद्ध परिवार रहता था और उसकी एक परिवार से शत्रुता थी । दूसरे परिवार वाले लोग वह गाँव छोड़ देना चाहते थे । उन्होंने एक दिन गाँव छोड़ने की योजना बनाई और सारा सामान ले जा रहे थे
किसी ऐसे व्यक्ति अथवा स्थान से भूतों या अन्य आत्मिक तत्त्वों को निकालने की प्रथा है। जिसके बारे में विश्वास किया जाता है कि भूत ने उसे शपथ दिलाकर अपने वश में कर लिया है। यह प्रथा अत्यंत प्राचीन है तथा
जलाकर ढेर दीपों को खूब प्रकाश कर ले हम मनाकर ढेर खुशहाली खूब उल्लास कर ले हम जलाकर प्रेम के दीपक जग गुलजार कर दें हम मिठाई न खिलाकर इक मुस्कान दे दें हम उड़ाए रंग ढेरों हम गुलाबी लाल पीले ह
बुरी आदत जो है, इतना जल्दी कहां जाती है, बाकी नशे तो सेहत खराब करते हैं पर तू तो मेरे रूह को जलाती है, बुरी आदत है ना इतनी जल्दी कहा जाती है। काश तेरी यादें भी तुझ जैसी होती , कुछ समय रुकती और चली जा
चाहते और कहते हैं छूटती नहीं. ऐसी चीजों और भावों को गंभीरता से सोचें, चिंतन करें. हर समय कोई महापुरुष आपको शिक्षा देने भले ही मौजूद न हो लेकिन उनकी बातें हमेशा आपके साथ रहती हैं. एक बार विनोबा भावे क
जीवन का आधा पतन – व्यसन धरती पर अगर चंदन का पेड़ उगाना हो तो वर्षों लग जाते हैं और बेशर्म का पौधा उगाने में कुछ भी श्रम नहीं लगता। उसे तो जहाँ फेंक दो, अपने आप उग आता है, इसलिए उसका नाम ही बेशर्म है।
लीलगयागाँवको चिमनीकाधुआँ। सूखकरजलनदीका बनगयाभाप, वायुभीदूषितहो बढ़ारहीताप। लोगोंनेपाटदिया रहा–सहाकुआँ। बनगएफर्नीचर जंगलकेपेड़, चारागाहनष्टहुए भटकरहीभेड़। खोगईसियारोंकी अबहुआँहुआँ हरियालेखेतमें उगगएमका
जूझ रहा है समस्त संसार, हो प्रकृति या मानव जाति, सब पर है इसका घोर प्रहार। बढ़ रहा है बीमारियों का प्रकोप, जीवन हो गया है दुश्वार, ख़त्म हो रही हरियाली धरती से, वातावरण हो गया है बेकार। कहीं जल की स
कुछ चेतो मानव तुम जग के नही तो बहुत पछताओगे, करते रहे यूं दूषित धरती को दूषित तो, तुम हरियाली कहाँ से पाओगे? करते रहे जो वायु प्रदूषित, एक पल भी न जी पाओगे, खुली हवा में जो श्वास हो लेते, एक श्
राष्ट्रीय एकता है ऐसी भावना जो लोगों में पैदा करती है सदभावना हमारा भारत देश है राष्ट्रीय एकता की जीती जागती मिशाल मेरा भारत है धर्मों का देश फिर भी पिरोया हुआ राष्ट्रीय एकता के सूत्र में यह देश मेरे
एकता से है हमारा अस्तित्व, इसे बनाए रखना है हमारा दायित्व. भिन्न-भिन्न भाषा,भिन्न-भिन्न वेश, भारत हमारा एक देश दुश्मन हमारा कुछ न बिगाड़ पाएंगे, जब हम सब भारतवासी एक हो जायेंगे देश तभी बनेगा महान, जब
श्रीमद भगवत पुराण के अनुसार प्राचीन काल में जलंधर नामक राक्षस ने चारों तरफ़ बड़ा उत्पात मचा रखा था। वह बड़ा वीर तथा पराक्रमी था। उसकी वीरता का रहस्य था, उसकी पत्नी वृंदा का पतिव्रता धर्म। उसी के प्रभा
कार्तिक पूर्णिमाआज दोने में कर रहे हैं, अपने सब अपने-अपने फूल और मन्नों की पीली पाली में दिखाई देने वाली हवा के प्रकार की स्थिति मानकते दीप ते तेरी-मेरीतें साँवली स्टरलेट है जैसे कि आखर कबीर स्टरलेट
लोहड़ी का त्योहार भारत में कई राज्यों में मनाया जाता है। यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर में शुक्ल पक्ष के शुक्ल पक्ष की शुरूआत के समय मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, लोहा के समुद्रतल पर तंग करने वाले ल
लोहड़ी का त्योहार हिंदू धर्म के अनुयायीयों द्वारा मनाया जाने वाला एक धार्मिक त्यौहार है। यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाया जाता है। यह त्यौहार श्री राम के वंशज के पुत्र लोकनाथ को समर्पित
बदहाल जोशीमठ के लिए NTPC जिम्मेदार? सच जानने के लिए सरकार ने उठाजोशीमठ की हालिया स्थिति एनटीपीसी की परियोजना की वजह से हुई है... इस बात में कितना सच है, ये जानने के लिए 8 इंस्टीट्यूट स्टडी कर रहे हैं.
कानपुर देहात कांड भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में हुआ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी जिसमें 2020 के जुलाई महीने में कई लोगों की मौत हुई थी।इस घटना के दौरान, एक भयानक विस्फोट हुआ था जो कानपुर जिले के देहाती
केवल परिवर्तन ही स्थायी हैपरिवर्तन के सिवा इस सृष्टि में स्थिर कुछ भी नहीं है।परिवर्तन एवं गति संसार का अनिवार्य नियम है। इस सृष्टि का यही शाश्वत नि
मातृभाषा जीवन का आधार है, मातृभाषा ही जीवन का अहम भाग हैमातृभाषा से बढ़कर ना कुछ है, बस यही एक-दूसरे का विश्वास है ।मातृभाषा को सम्मान देंगे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस बढ़ावा देंगे।बोलने में हम खुशी मह
दुनियाभर में 21 फरवरी को "अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस" मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में अपनी भाषा-संस्कृति (Language culture) के प्रति लोगों में रुझान पैदा करना और जागरुकता फै
डॉक्टर्स डे एक सुनहरा सवेरा था, जब धरती ने अपने आँचल में धूप की किरणों को समेट लिया था। आज एक खास दिन था, देशभर में डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा था। यह दिन उन महान व्यक्तियों का सम्मान करने का था, जो म
सोलह जुलाई का दिन था, जब पूरी दुनिया वैद्यों के लिए समर्पित था। यह दिन वैद्यों के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा करने का होता है। संपूर्ण देश उनकी सेवाओं को याद करता है और उन्हें सम्मानित करता है। इ
थाला का जन्मदिन है आज, हम खुशियों के बादल छाए हैं साथ, तुम्हारे लिए लाएं हम ख़ास ख़ज़ाने, खुशियों से भरी हो आपकी पूरी दुनियाँ। थाला, तुम्हारी मदद से बनता है भोज, आदर्श पत्नी, आदर्श माता, यह तुम
मुंसी प्रेमचंद, वे कवियों में से एक हैं, कहानियों से लोगों के दिलों को जीते वो शानदार। उनकी रचनाएं भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं, उनकी कहानियों में समाज की वास्तविकता छुपी है छुपी हैं। प्रेम
मुंसी प्रेमचंद, भारतीय साहित्य के महान कवि, लेखक और समाजसुधारक थे। उनकी रचनाएँ उस समय की समाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को दर्शाने वाली थीं। यहाँ, मुंसी प्रेमचंद की कुछ प्रसिद्ध कविताओं का उल्लेख क
रक्षाबंधन की पौराणिक कथाओं पर कविता:सवाई वीर रवि की कथा है सुनो,कर्णा बन गए थे उनके दोस्त।उनके हाथों में बंधन बांधा,रक्षाबंधन की यही थी प्रस्तावना।कर्णा ने द्रौपदी को रक्षा की थी शपथ,जब उसकी मदद की थी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी बजते शंखनाद, हरे कृष्ण के आगमन के साथ, जन्माष्टमी की रात, है खुशियों का साथ। गोपियाँ हेरते हैं कान्हा के प्यारे रूप को, माखन की दही में छुपा खेलते श्याम साथ।
साक्षरता का प्रकार सबसे महत्वपूर्ण, ज्ञान की राह, जीवन की दिशा। शब्दों की ताक़त, पढ़ाई का सफर, साक्षरता की शक्ति है हमारा प्राण। जब ज्ञान की बातें होती सभी के पास, तब समृद्धि का रास्ता खु
यह कहानी है एक गाँव के एक छोटे से लड़के की, जिसका नाम रामु है। रामु का गाँव एक सुंदर पहाड़ों के बीच बसा हुआ था, जिसकी प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय था। परंतु, इस गाँव में साक्षरता की दरकार थी। राम
ग्लोबल विश्व में एक महत्वपूर्ण सम्मेलन, G20, जिसमें शामिल देशों का मिलन। विश्व अर्थव्यवस्था की बातें यहाँ होती हैं, रक्षा, पर्यावरण, और यातायात के मुद्दे उठाए जाते हैं। विश्व के नेता यहाँ
**"G20 सम्मेलन की कहानी"** एक समय की बात है, जब विश्व के बड़े-बड़े देशों के नेताओं ने एक साथ आने का फैसला किया। इस समय, वे ग्लोबल आर्थिक मुद्दों को समझने और समाधान ढूंढने के लिए एक सम्मेलन का आ
वो थीं कविता की महारानी, जिनकी रचनाओं में छुपा है आकाश। जन्मदिन पर उनको हम याद करते हैं, उनके शब्दों के माध्यम से, जीवन का संवाद लेते हैं। उनकी कविताओं में छुपा है समाज का सर्वोत्तम आदर, जि
वो थीं एक महान कवि, महादेवी वर्मा, जिनकी कविताओं में छुपा था अनमोल गहना। उनके शब्दों से जागता था जीवन का सार, कविताओं की राह में बदल देते थे आधार। जन्मदिन पर याद करते हैं हम उन्हें, कविता
महादेवी वर्मा, एक प्रमुख हिंदी कवियित्री थीं और उनका जन्म २६ मार्च १९०७ को हुआ था। उनके जीवन और काव्य कृतियों से जुड़ी कई रोचक कहानियाँ हैं। उनके जन्मदिन के अवसर पर, यहां एक छोटी सी कहानी है: महादे
जब सूरज छुप कर जाता है पश्चिम, समय का परिवर्तन होता है सुन्दर, रात का पहरा ढल जाता है समीर, और धरती पर आती है शांति का मोमेंट। चाँद आकाश में चमकता है नया, नक्षत्रों की ख़ुशबू फैलती है आसमां, रात
जब सूरज की किरणें छूने लगतीं धरा, और भाषा वो हो जाती है मातृभाषा हमारा। बचपन की वो मिठास और उसकी गर्माहट, माँ की गोदी की लोरियों का वो संगीत। जब सब भूल जाते हैं ये सारे वार्ता, बस वो है जो जीवन
मातृभाषा हिंदी की महत्ता को समझने के लिए हमें सिर्फ एक भाषा के रूप में नहीं, बल्कि एक संस्कृति और गरिमा के प्रतीक के रूप में देखना चाहिए। हिंदी भाषा ने भारतीय सभ्यता के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिक
**मातृभाषा हिंदी: एक महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर** मातृभाषा हिंदी ने भारतीय सांस्कृतिक और भाषाई विविधता का महत्वपूर्ण स्तर पर योगदान किया है। यह एक महत्त्वपूर्ण और सुंदर भाषा है जिसे भारत की मातृ
अभियंता दिवस के इस खास मौके पर, हम सभी को गर्व है, यह जानकर सर्वदा। करते हैं वे निरंतर नवाचारों का आदान-प्रदान, संजीवनी शक्ति हैं वे, तकनीक के माध्यम से हमारे जीवन। इंजीनियर बने हमारे देश के ग
अभियंता दिवस पर एक कहानी: यह कहानी है एक युवा अभियंता की, जिनका नाम आदित्य था. आदित्य एक सपने में यहाँ तक पहुँचने के लिए बहुत मेहनत कर रहा था। आदित्य का सपना था कि वह अपने अभियांत्रिकी कौशल का उ
"इंजीनियर हैं हम, इंजीनियरी है हमारी पहचान, सपनों को हकीकत बनाने का हमारा यही था अरमान। स्कूल के दिनों से लेकर काम के दिनों तक, डिज़ाइन और इंजीनियरी में है हम सदैव रहते ललक। सड़कों की बुनाई, इमा
"अभियंता हैं हम, बुनते हैं आसमां, सपनों की ऊँचाइयों को हासिल करने का जरिया हम। जब भी कोई मुश्किल हो, समस्या हो विपत्ति, अभियंता बनकर ही होते हैं हमारे उपाय हम। इंजीनियरिंग के माध्यम से हम ने ब
समाचार की गोलियों से, हमारे दिलों को लगता घाव, सत्य का बोझ उठाकर, मीडिया बन गया बहिष्कार। कविता की आवाज़ से, हम ढूंढ़ते हैं सच को, मन में जागरूकता फैलाकर, सीखते हैं उसका मोक्ष को। मीडिया के दुरुपय
I N D I गठबंधन की ओर से, आवाज़ उठाते हैं हम, मीडिया के दुरुपयोग का, करते हैं बहिष्कार काम। सच्चाई की पर्दाफाश, उनके प्रति है हमारी करतृत्व, मीडिया के खिलवाड़ से, हम लड़ते हैं साहस से। आपत्तिजन
विश्वकर्मा भगवान को नमन करो, उनके आशीर्वाद से होता सब कुछ सँवरो। कारीगरों का प्रतिष्ठान है वो, जिनके हाथों से बनता है यह संसार। उनकी मेहनत, उनकी कला है सर्वोत्तम, विश्वकर्मा भगवान के बिना क
बहुत समय पहले की बात है, जब जगह-जगह पर मानव और देवताओं के बीच संघर्ष चल रहा था। मानव और देवताएँ अपने-अपने सृजनात्मक काम में सबसे श्रेष्ठ बनने की चुनौती दे रहे थे। एक दिन, विश्वकर्मा नामक देवता
1. विश्वकर्मा बाबा की कृपा हमें हमेशा मिले, कामयाबी के सफर में हमें सदा राह दिखाए। 2. उनकी करीबी बनो, विश्वकर्मा बाबा के साथ चलो, सफलता की ऊंचाइयों को छूने का मौका बनाओ। 3. विश्वकर्म
गणेश चतुर्थी की शुभकामना है, भगवान गणेश का आगमन है। धूप-दीप और मिठाइयों की बरसात, हर घर में आयी खुशियों की बहार है। वक्रतुण्ड महाकाय को, आपके घर में आने की खबर है। विघ्नहर्ता आपके सारे कष्टों को
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक बड़ा ही प्यारा बच्चा था जिसका नाम गोपाल था। गोपाल बहुत ही निरंतर और भक्तिभाव से भगवान गणेश की पूजा करता था। गांव में आने वाले गणेश चतुर्थी के मौके पर, गोपाल न
गणपति बाप्पा की जय हो, आई गणेश चतुर्थी की खुशियों की बहार। धूप-दीप की चमक, भक्ति का प्यार, आई गणेश चतुर्थी, बढ़ाने आपका संसार। वक्रतुण्ड महाकाय की कृपा हो आप पर, सब कष्टों को दूर करें विघ्नहर्त
महिला का अधिकार, यह है हमारा मान, समाज में उनका समान दर्जा हो यही आदर्श हमारा मान। समाज के नियमों में बदलाव लाना है जरूरी, महिलाओं को मिले समानता का अधिकार, यह हमारी मांग है यहाँ। महिलाओं के
महिला आरक्षण विधेयक महिला आरक्षण विधेयक एक महत्वपूर्ण कदम है जो समाज में महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और समाज में उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करने के लिए उठाया गया है। यह विधेय
विश्व के विभिन्न कोनों में, शांति की यह आवाज़ है। मिलकर बनते हैं सपने, हम सभी इसी के आसपास हैं। जब सब मिलकर मिलते हैं, समय की इस बड़ी मीठास है। हड्डियों की जगह फूल खिलते हैं, और बच्चे हँसते हैं
अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस पर कविता: शांति की धारा, सबके दिलों को छू ले, युद्ध की आग, हम सबको दूर भगाए। हर रंग, जाति, धर्म को एक साथ लाए, सभी मिलकर, विश्व को खुशियों से भर दे। संघर्षों के बाव
यह कहानी है एक छोटे से गांव के एक छोटे से लड़के की, जिसका नाम राजू था। राजू का सपना था कि उसका गांव हमेशा खुशहाली में रहे और लोग एक-दूसरे के साथ शांति से रहें। एक दिन, राजू ने अपने दोस्तों के साथ गां
बेटियाँ, हैं दुनिया की आभूषण, आँखों की प्यास, दिलों का आराधना। सपनों की उड़ान, आसमान का रंग, समर्पण और जज़्बा, बेटियों का संकल्प। माँ की मुस्कान, पिता की हार, बेटियों की महक, घर का प्यार।
यह कहानी है एक छोटी सी गाँव की, जहाँ एक माँ अपनी बेटी से बात कर रही थी। माँ: "बेटी, आज हमारा खास दिन है। आज हम अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस मनाएंगे।" बेटी: "माँ, यह क्या है?" माँ: "यह एक दिन है जब हम सब
अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस के इस महत्वपूर्ण दिन पर, यहां कुछ शायरी का संग्रह है जो बेटियों के महत्व को दर्शाता है: बेटी है स्वर्ग की राह, माँ-बाप का गर्व, समृद्धि की बात। बेटी की ममता,
एक नयी धड़कन, एक नया सफर, एशियन गेम्स 2023 का है जवाब। खिलाड़ियों की मेहनत, उनका संघर्ष, यहाँ हर कोई है तैयार, छाया हर किसी का सर्वश्रेष्ठ। जीत का सुनहरा सपना, हर किसी के दिल में, सबका लक्ष्य है
एक जगह एकत्र, विविधता का पर्व, एशियन गेम्स 2023, खुशियों का अब हो आरंभ। देशों की ताक़त, साथी खिलाड़ी, खेलों का मैदान, नए सपनों की सीरी। दौड़ रहे हैं एक-दूसरे से लड़ने, सपनों को पूरा करने का है
यह खेल २१ अक्टूबर २०२३ से ६ नवंबर २०२३ तक वियतनाम के होचीमिन सिटी में आयोजित हुए थे। इस बार के खेलों में एशिया के विभिन्न देशों के खिलाड़ी अपने कौशल में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आए थे। एशियन गेम्स 20
भूकम्प के आवाज़, भूमि का कराह, दरिया के तूफान से बढ़ कर है ये डराह। धरती हिलती है, जीवन के संघर्ष में, लोग भागते हैं, खो देते हैं अपने घर में। त्रासदी का सच, दर्द और आँसू, हर किसी का दिल दुखाकर य
यह कहानी एक गाँव के एक छोटे से लड़के के जीवन के चरणों को दिखाती है, जिनमें उसे भूकम्प और त्रासदी से गुजरना पड़ता है। एक बार की बात है, एक भूकम्प गाँव को आक्रमण कर गया। गाँव में घरों की धड़कन बढ़ गई,
आओ, मुस्कान की ओर बढ़ते हैं हम, जब सब दुनिया में हो आपसी गहराई का समर्थन। यह एक दिन है, जब हम बातें करते हैं मुस्कान की, सबके दिलों में आत्मविश्वास का बीज बोते हैं। मुस्कान से हर समस्या को ह
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक छोटी सी लड़की नामक आन्या रहती थी। वह बड़ी ही मुस्कुराती हुई और खुशनुमा थी। उसकी मुस्कान किसी के लिए भी सबसे महत्वपूर्ण चीज़ थी, और वह हमेशा दूसरों को खुश देखना
एशियन गेम्स, जिन्हें एशियाई खेल भी कहा जाता है, विभिन्न खेलों का आयोजन एशियाई महाद्वीप में किया जाता है, और यहां अलग-अलग खिलाड़ियों द्वारा भाग लिया जाता है। भारत ने इन खेलों में भाग लेने का लम्बा इतिह
हमारे वीर ने किया भारत का गर्व बढ़ाया, जीत के रंग में रंगी तिरंगा लहराया। मेडल की चमक ने हमें आभास दिलाया, वीरों की मेहनत ने इतिहास रचाया। स्वर्ण, रजत, कांस्य, हमारा गौरव है, खिलाड़ियों ने
हमास का आतंकवाद, दुनिया को चौंकाता, शांति के सपनों को हमेशा बरबाद करता। बच्चों के हक को छीनने का खेल, हमास का सिखाया जीने का तरीका अलग। रक्षा के नाम पर बर्बादी और संघर्ष, आतंकवाद का दायरा है यह स
दीपावली का त्योहार है खुशियों का, आओ सब मिलकर मनाएं यह बड़ा उत्सव। दिए जलाकर घर-घर में रौनक, खुशियों की बौछार हो, दुःखों का अंत। मिठाईयों की खुशबू फैली खुशियों की बातें, खुशियों का त्योहार है ये,
दीपावली का महोत्सव, हर दिल में खुशियों का उत्सव, दीपकों की रौशनी, सबको आपकर्षित करती है खिलखिलाती मुस्कान। रोशनी की किरणें, घरों में खुशियाँ बिखे, सजीव हो जाते हैं सभी दीपक, बजते हैं शहनाई। दु
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक छोटा सा बच्चा था जिसका नाम राजू था। राजू बहुत ही उत्साही था और वह दीपावली के त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाना चाहता था। राजू ने अपने छोटे से ग
चढ़ती चाँदनी की किरणों से सजे, छठ पूजा की रात रौंगतें छाईं। खुशी की मिठास, गाओं में बसी, प्रेम और भक्ति की भावना में लिपटी हैं। गंगा की लहरों में खो जाओ, चटपटी भंगा धूप में नहाओ। संगीत की ध
छठी माई की शक्ति बन के आई छठी माई देवी, आज भक्ति में हैं हम खोए। सूरज की किरणों से सजे, घाटों में छठी माई बैठे। खुशी-खुशी बोले सभी व्रती, मिलकर भक्ति भरे गीत। छठी माई की कृपा से, जीवन हो रहा स
एक समय की बात है, एक गाँव में एक नौकरी में रहने वाली एक महिला थी जिनका नाम सुमित्रा था। उसका एक छोटा सा परिवार था, और उसका जीवन गरीबी और संघर्ष से भरा हुआ था। सुमित्रा ने हमेशा से छठ पूजा का व्रत रखा
उत्तराखंड सुरंग हादसा एक दुखद घटना थी, जिसमें एक सुरंग में पानी भर गया था और कई लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया था। इस हादसे के बारे में कई कविताएँ और रचनाएँ लिखी गई हैं जो इस दुखद पल को दर्शाती
उत्तराखंड की पुरानी चोटियों में, बसी है एक कहानी, दुखद और भारी। सुरंग की अंधकार में, रात की गहराई, बसे हुए थे अनेक सपने, आसमान की ऊचाई। सैनिक थे वीर, जवानों की सेना, देश के लिए जुटे, आत्मा