डायरी दिनांक १५/१०/२०२२
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वर्ष १९३१ में आज की तारीख दिनांक १५ अक्टूबर को केरल प्रदेश के रामेश्वरम शहर के एक मछुआरे परिवार में भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम जी का जन्म हुआ था। एक निम्न स्तरीय परिवार में जन्म लेने के बाबजूद भी वह अपने लक्ष्य से भटके नहीं। उन दिनों इंजीनियरिंग की पढाई का अलग ही महत्व था। गिने चुने इंजीनियरिंग कालेज होते थे। इंजीनियरिंग में प्रवेश पा लेना ही किसी विद्यार्थी की विशेषता को व्यक्त करता था। डाक्टर कलाम ने एरोनोटिक इंजीनियरिंग की पढाई की। तथा पढाई पूरी करने के बाद विभिन्न सरकारी इंजीनियरिंग एवं वैज्ञानिक संस्थाओं में काम किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के कई प्रोजेक्टों को लीड किया। उसके बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) में अपना बुद्धि से योगदान दिया। डाक्टर कलाम को भारतीय मिसाइल प्रोग्राम का जनक भी कहा जाता है। उनके नैत्रत्व में कई भारतीय मिसाइलों का परीक्षण किया गया।
वर्ष २०१८ मेंं बाजपेयी सरकार के आदेश पर किये पोखरन परमाणु परीक्षणों के प्रोजेक्ट में डाक्टर कलाम की प्रमुख भूमिका थी। वैसे परमाणु संबंधी रिसर्च का केंद्र भाभा परमाणु परीक्षण केंद्र कहा जाता है। पर बार के किसी प्रमुख वैज्ञानिक की बजाय डाक्टर कलाम द्वारा इस प्रोजेक्ट को लीड करने का अर्थ है कि डाक्टर कलाम की सोचने, समझने और परीक्षण करने की क्षमता अपार थी।
डाक्टर कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति नियुक्त हुए। माना जा रहा था कि डाक्टर कलाम विज्ञान, और इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं। पूरे जीवन वैज्ञानिक प्रयोगों में लगे रहे हैं। उन्हें राजनीति की समझ नहीं होगी। वे मात्र एक स्टेंप राष्ट्रपति बने रहेंगें। पर इन धारणाओं से अतर डाक्टर कलाम ने सिद्ध किया कि वे भारतीय परिस्थितियों और भारतीय राजनीति के अच्छे ज्ञाता हैं। पूर्व के राष्ट्रपतियों के अतर उन्होंने काफी अध्यादेशों को पुनः विचार के लिये वापस किया। अध्यादेश के पुनः विचार के कारण को इतनी गहराई से लिखकर वापस किया कि बड़े से बड़े राजनैतिक उन कारणों का स्पष्टीकरण नहीं दे पाये। विज्ञान के अतिरिक्त भारतीय संविधान के विषय में उनकी जानकारी संसार के सामने आयी।
डाक्टर कलाम की लिखी विभिन्न पुस्तकों को पढने से स्पष्ट है कि डाक्टर कलाम ने कितनी ही पुस्तकों का अध्ययन किया था। उन्होंने प्रत्येक धर्म की पुस्तकों को पढा था। तथा उनके मत हमेशा पूर्वाग्रह से परे होते थे।
डाक्टर कलाम ने दुबारा राष्ट्रपति पद के लिये आवेदन करने से मना कर दिया तथा जीवन के अंतिम समय तक वह अध्यापन का कार्य करते रहे। उन्होंने युवाओं के प्रश्नों का उत्तर देने में बहुत आनंद आता था। अक्सर युवा अपने प्रश्न कागज में लिखकर उन्हें दे देते थे। जिनके उत्तर वह पत्र द्वारा दिया करते थे।
एक बार एक छात्र ने उन्हें प्रश्न किया कि उन्हें महाभारत का कौन सा पात्र सबसे अधिक पसंद है। डाक्टर कलाम ने उत्तर दिया कि महाभारत में उनके सबसे ज्यादा पसंदीदा पात्र विदुर हैं क्योंकि विदुर तात्कालीन राजनीति से पूरी तरह मुक्त थे।
२७ जुलाई वर्ष २०१५ में शिलांग में एक कालेज के अधिवेशन के अवसर पर भाषण देते देते ही डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम मंच पर गिर गये तथा हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया।
डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम जी को वीर सावरकर,इंदिरा गांधी, पद्म भूषण, पद्म विभूषण पुरस्कार के साथ साथ भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नबाजा गया था। आज अपनी डायरी के माध्यम से डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम जी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।