नई दिल्लीः इस ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने अपनी ताकत अपने ही कप्तान को दिखा दी। एसपी साहब खड़े होकर देखते रहे और दारोगा ने चालान काटकर ड्राइवर के हाथ में थमा दिया। एसपी को भी अपनी गलती का अहसास था, सो वह कहते भी क्या। ऐसी ईमानदार पुलिसिंग का नमूना दिखा यूपी के हरदोई जिले में। दारोगा की साहस की पूरे जिले में दाद दी जा रही है।
एसपी ऑफिस के गेट पर ही काट दिया चालान
दरअसल हरदोई के पुलिस कप्तान विपिन कुमार मिश्रा ऑफिस आ रहे थे। उनके पीछे स्कोर्ट वाहन चल रहा था। जैसे ही गेट पर पहुंचे तो ट्रैफिक इंस्पेक्टर दीन दयाल की नजर पड़ गई। इंस्पेक्टर ने एसपी साहब की ही गाड़ी रोकवा ली। ड्राइवर ने कहा-पागल हो गए हो क्या, पीछे एसपी साहब बैठे हैं। इस पर इंस्पेक्टर ने कहा- न आप सीट बेल्ट लगाए हो न एसपी साहब। मैं तो अपनी ड्यूटी निभाकर आप चालान काटूंगा। क्योंकि एसपी साहब मीटिंग में बोले थे कि-चाहे मैं ही क्यों ने ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करूं तो मेरा भी चालान काट दो। इस नाते आज मौका मिल गया, मैं तो काटूंगा।
और एसपी उतर गए गाड़ी से, बोले-काटने दो चालान
जब ट्रैफिक इंस्पेक्टर रामदीन ने चालान काटने की जिद पकड़ ली तो मुस्कुराते हुए एसपी विपिन मिश्रा गाड़ी से उतरे। और ड्राइव से बोले कि इंस्पेक्टर ठीक कर रहे। गाड़ी का चालान काटने दो। हालांकि ड्राईवर ने गाड़ी के कागज और ड्राइविंग लाइसेंस तो दिखा दिया लेकिन सीट बेल्ट ना लगाने पर चालान काट दिया गया। इस दौरान कप्तान के स्कॉर्ट में चल रही एक गाड़ी का और चालान काटा गया और दोनों से तीन-तीन सौ रुपये जुर्माना भी वसूला।
क्या जानबूझकर कटवाया चालान
एक दारोगा की ओर से अपने ही एसपी का चालान काटना चर्चा-ए-खास रहा। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि यह मामला प्रायोजित था। जिले में संदेश देने के लिए कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। एसपी ने प्लान के तहत अपना ही चालान कटवाया। नहीं तो एक यातायात उपनिरीक्षक की इतनी मजाल नहीं कि वह कप्तान का वाहन रोक सके। वो भी एसपी दफ्तर के सामने।