पेन किल्लर यानि के दर्द निवारक दवाई ..इबुप्रोफेन,
डिक्लोफेनेक असेक्लोफेनेक ..आदि लगभग हर घर में मौजूद रहते है .जोड़ो के दर्द से लेकर कमर,दाँत दर्द तक सभी के लिए धडल्ले से उपयोग करते है ..
चलिए इस बात को यही छोड देते है ..
और आते है गिद्धों की जनसँख्या पर ..जी हाँ पिछले पन्द्रह बीस सालो से गिद्ध भारत में लगभग खत्म हो गए है ..और वन विभाग ने इन्हें ढूँढने पर एक लाख रुपयों इनाम रखा है ! पर इनसब बातो का पेईन किल्लर से क्या सम्बन्ध है ??
सुन कर आप चौंक जायेंगे ..भारत में गिद्धों के खत्म होने का एकमात्र कारण है डीक्लोफेनेक पेन किल्लर !! (गूगल कीजिये) ..
मवेशी अपने लंगड़े जानवरो को डिक्लोफेनेक देते है .और वो भेड बकरियाँ जल्दी मर जाते है किडनी फेल होने से ..और कत्लखानो में उन्ही के बचे हुए टुकडो को खाने से गिद्धों की संख्या लुप्तप्रायः हो गई !
अब आते है इंसानों की ओर !...
आजकल हर छोटे से छोटे शहर में 'किडनी सेंटर' खुल गए है ..किडनी खरीदना और बेचना लाखो-करोडो का बिजनेस हो गया है ..आज से दस-पन्द्रह साल पहले एक भी सेंटर नहीं थे ...
जी हाँ आप सही सोंच रहे है ..किडनी फेल होने का सबसे बड़ा मुख्य कारण है पेन किल्लर ! यदि इन पेन किल्लर पर प्रतिबन्ध लगाया जाए तो भारत में सारे किडनी सेंटर की दुकान बन्द हो जायेगी ,,और
भारत एक बहुत बड़े किडनी रोग से मुक्त हो जायेगी