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दुर्गादास

मुंशी प्रेमचंद

5 अध्याय
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2 पाठक
12 फरवरी 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

दुर्गादास एक उपन्यास है जो एक वीर व्यक्ति दुर्गादास राठौड़ के जीवन पर मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित है। इसे एक वीर गाथा भी कह सकते हैं जिससे हमें कई सीख मिलती है। यह बाल साहित्य के अंतर्गत आता है तथा इसके मुख्य प्रकाशक भारतीय ज्ञानपीठ है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार राजा यशवन्तसिंह के सेवक दुर्गादास नें उसके मृत्यु के बाद राजा के पुत्र अजीतसिंह को औरंगज़ेब तथा उसके मुगल सेना से सुरक्षित किया तथा औरंगज़ेब को मारवाड़ से भगाकर अजीतसिंह को राज सौंपा। 

durgadas

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पुस्तक के भाग

1

अध्याय-1

8 फरवरी 2022
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जोधपुर के महाराज जसवन्तसिंह की सेना में आशकरण नाम के एक राजपूत सेनापति थे, बड़े सच्चे, वीर, शीलवान् और परमार्थी। उनकी बहादुरी की इतनी धाक थी, कि दुश्मन उनके नाम से कांपते थे। दोनों दयावान् ऐसे थे कि म

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अध्याय-2

8 फरवरी 2022
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एक तो अंधेरी अटपटी राह, बेचारा घोड़ा अटक-अटक कर चलता था।वह अपनी ही टापों की ध्वनि सुनकर कभी पहाड़ियों से टकराकर लौटती थी, चौंक पड़ता था।पहर रात जा चुकी थी, धीरे-धीरे चारों ओर चांदनी छिटकने लगी थी। दूर

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अध्याय-3

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खुदाबख्श ने नाथू को जीता देख ईश्वर को धन्यवाद दिया और घाव धोकर पट्टी बांधी। फिर बोला भाई! मुझसे डरो मत, मैं वह मुसलमान नहीं जो किसी का बुरा चेतूं। आखिर एक दिन खुदा को मुंह दिखाना है। मेरे लायक जो काम

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अध्याय-4

8 फरवरी 2022
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खुदाबख्श ने कहा – ‘बेटी लालवा अपने माता-पिता की चिन्ता मत करो। मैं मुसलमान हूं; इसलिए अपने पकड़े जाने का भय तो था। ही नहीं, वहीं खड़ा रहा और सबकी सुनता रहा। थोड़ी ही देर में सारा भेद खुल गया। देशद्रोह

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अध्याय-5

8 फरवरी 2022
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कंटालिया के सरदार शमशेर खां के मारे जाने की खबर पाते ही औरंगजेब आपे में न रहा, तुरन्त आज्ञा दी दुर्गादास को जैसे हो सके, पकड़कर हमारे सामने लाया जाय, जीता हुआ या मरा हुआ, जैसा भी हो। दूसरे ही दिन मुगल

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